उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार और संगठन के स्तर पर और बेहतर करने की योजना बना रही है। मंत्रिमंडल में कुछ नये चेहरे आ सकते हैं, वहीं कुछ चेहरे बदले जा सकते हैं, इसी तरह संगठन को लेकर भी मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि सक्रिय और ईमानदार लोगों को दायित्व दिया जायेगा, साथ ही खराब छवि के पदाधिकारियों को किनारे किया जायेगा, इसी क्रम में कई जिलों के जिलाध्यक्ष भी हटाये जा सकते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं अरविंद शर्मा की, यह मऊ जिले के रहने वाले हैं लेकिन, 1988 में गुजरात कैडर के आईएएस बने, वहां तमाम उल्लेखनीय कार्य किये, जिससे मुख्यमंत्री रहते समय नरेंद्र मोदी के चहेते बन गये। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो, प्रतिनियुक्ति पर अरविंद शर्मा दिल्ली आ गये, यहाँ भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किये। अब अरविंद शर्मा स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश में विधान परिषद सदस्य हैं। कहा जाता है कि अरविंद शर्मा को मंत्रिमंडल में विशिष्ट स्थान दिया जायेगा, इसके अलावा कोरोना संक्रमण कई मंत्रियों के लिए भी काल बन गया, जिससे मंत्रिमंडल में कई स्थान रिक्त हो गये हैं।
सर्वाधिक रोचकता उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को लेकर बनी हुई है। माना जा रहा है कि अरविंद शर्मा को उप-मुख्यमंत्री का दायित्व दिया जायेगा, ऐसा हुआ तो, दिनेश शर्मा को कोई और दायित्व दिया जायेगा, उनके बारे में कहा जाता है कि ऐसा हुआ तो, वे सहज भाव से दूसरा दायित्व भी स्वीकार कर लेंगे लेकिन, केशव प्रसाद मौर्य अंदरूनी तौर पर मायूस बताये जाते हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि उन्हें केंद्रीय राजनीति में लाया जा सकता है। लॉक डाउन हटने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार होना तय है, जिससे अंदरूनी तौर पर राजनैतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश स्तर पर मंथन हो चुका है। केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलना शेष है।
इसी तरह संगठन में भी कई बदलाव किये जा सकते हैं। महामंत्री संगठन सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह परिवर्तन को लेकर मंथन कर चुके हैं। सर्वाधिक लोकप्रिय सह-संगठन मंत्री भवानी सिंह को भी कोरोना निगल गया, जो संगठन के लिए बड़ी क्षति कहा जा रहा है, उनका स्थान भर पाना आसान कार्य नहीं है, इसके अलावा प्रदेश के तमाम जिलों की भी सूचनायें जमा की गई हैं, जिनके आधार पर सक्रिय और ईमानदार लोगों को अवसर दिया जायेगा एवं खराब छवि के पदाधिकारियों को किनारे किया जायेगा। माना जा रहा है कि दर्जन भर जिलों के जिलाध्यक्ष हटाये जा सकते हैं।
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