भारतीय मुस्लिम समाज की पीड़ित महिलायें न्यायालय में तीन तलाक से छुटकारा दिलाने की गुहार लगा रही है, जिससे तीन तलाक को लेकर बहस छिड़ी हुई है। बहस के दौरान मुस्लिम बुद्धिजीवी तीन तलाक के पक्ष में कई तरह के तर्क रखते दिखाई दे रहे हैं एवं यह भी कहते सुनाई दे रहे हैं कि कुरआन में तीन तलाक को सही नहीं बताया गया है और तीन तलाक देना भी नहीं चाहिए, पर बहस के दौरान ही तीन तलाक की घटनायें निरंतर घटित हो रही हैं, जिससे पीड़ित महिलाओं का पक्ष और मजबूत होता नजर आ रहा है।
ताजा प्रकरण फेसबुक से तीन तलाक देने का सामने आया है। बदायूं जिले के मोहल्ला परा निवासी मेहनाज का निकाह अक्टूबर 2015 में वसीम अंसारी के साथ हुआ था, तब से वह शौहर के साथ दिल्ली में रहती है। मेहनाज का कहना है कि उसके निकाह में बीस लाख से अधिक का दहेज दिया गया, लेकिन वसीम निकाह के कुछ दिन बाद ही स्कार्पियो कार की मांग करने लगा और मांग पूरी न होने पर उसे प्रताड़ित करने लगा, इस दौरान उसने एक बच्ची को जन्म दे दिया, जिसके बाद वसीम और ज्यादा प्रताड़ित करने लगा। मेहनाज का आरोप है कि उसे जहर देने का भी प्रयास किया गया और 16 अक्टूबर को उसे घर से निकाल दिया, तो वह मायके आ गई, जिसके बाद वसीम ने एक कागज पर तीन बार तलाक लिख कर फेसबुक पर शेयर कर दिया।
मेहनाज का आरोप है कि फेसबुक वॉल पर शेयर किये गये तीन तलाक लिखे कागज को ही तलाक माना जा रहा है। पीड़ित मेहनाज ने गुजारा भत्ता के लिए न्यायालय से गुहार लगाई है। पीड़ित ने न्यायालय में अर्जी देकर मांग की है कि जब तक अंतिम निर्णय न आये, तब तक उसे बीस हजार रुपया महीना भत्ता दिलाया जाये। मेहनाज की अर्जी पर न्यायालय ने सुनवाई शुरू कर दी है। घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं)
संबंधित खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें लिंक
जहर से नहीं मरी, तो निशात को दे दी तीन तलाक, योगी की शरण में जायेगी