बदायूं के थाना मूसाझाग में किशोरी का यौन शोषण करने के आरोपी बर्खास्त सिपाही अवनीश कुमार सिंह यादव को गिरफ्तार करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सीओ उझानी नरेंद्र पाल सिंह को पुरस्कार देने की जगह बतौर सजा तबादला ही नहीं किया है, बल्कि शासन ने उन्हें जनपद मिर्जापुर स्थित पीएसी में भेजा है। शासन स्तर से हुई इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में खौफ कायम हो गया है और इस प्रकरण से हर कोई स्वयं को दूर रखने के प्रयास में जुट गया है।
उल्लेखनीय है कि एक किशोरी को अगवा कर 31 दिसंबर की रात थाना मूसाझाग के अंदर उसका यौन शोषण करने का आरोप दो सिपाहियों अवनीश कुमार सिंह यादव व वीरपाल सिंह यादव पर लगा, तो उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम दावों की धज्जियाँ उड़ गईं, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से जनता के बीच एक अच्छा सन्देश भी गया। शासन स्तर से आरोपी सिपाही तत्काल निलंबित किये गये और अगले दिन उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया, साथ ही एडीजी (अपराध) स्तर के अफसर मुकदमे की मॉनिटरिंग करने लगे, इसके अलावा आरोपी सिपाहियों का सहयोग करने वालों पर भी लगातार गाज गिरती रही, इस सबके बीच उझानी क्षेत्र के सीओ नरेंद्र पाल सिंह का पीएसी में तबादला होने से पुलिस के अफसरों तक का मनोबल टूट गया है।
शासन स्तर से हुई इस कार्रवाई को भाजयुमो जिलाध्यक्ष कुलदीप वार्ष्णेय ने निंदनीय करार दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है कि इस कार्रवाई से पुलिस अफसरों का मनोबल गिरेगा।
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