बदायूं जिले से हटाये गये बदनाम जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी स्थानीय राजनीति में न सिर्फ रूचि लेने लगे थे, बल्कि विश्वासघात भी करने लगे थे। मुख्य विकास अधिकारी प्रताप सिंह भदौरिया की कार्यप्रणाली तो संतोषजनक थी, लेकिन उनसे एमएलसी व सपा जिलाध्यक्ष बनवारी सिंह यादव नाराज चल रहे थे, इसीलिए उन्हें भी हटवा दिया गया।
अब तक बदायूं जिला समाजवादियों की मुट्ठी में था, कोई विरोधी नहीं था, सो अफसरों की कार्यप्रणाली पर कोई विशेष नजर भी नहीं रखता था, जिससे कई बड़े अफसर अपनी कार्यप्रणाली से सरकार को बदनाम कर रहे थे, जिनमें जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी का नाम सबसे ऊपर था। पिछले कुछ दिनों में तेजी से राजनैतिक बदलाव हुए, तो चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी गुटबंदी को बढ़ावा देने लगे। गोपनीय कारनामों का तो खुलासा नहीं हो पा रहा था, लेकिन ईद के अवसर पर उनकी सोच सामने आ गई।
लोकप्रिय सांसद धर्मेन्द्र यादव के करीबी एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मौलाना यासीन उस्मानी के ईद के अवसर पर लगाये गये कैंप में चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी झाँकने तक नहीं गये, जिससे उनकी सोच सार्वजनिक हो गई। मौलाना ने सांसद को अवगत करा दिया, तो सांसद ने बिना कोई देर किये चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी को हटवा दिया। हालांकि चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी उनके प्रिय थे और बदायूं जिले को विकास के पथ पर दौड़ाने के उददेश्य से बड़ी आशाओं के साथ वे उन्हें यहाँ लेकर आये थे, पर उनकी रूचि विकास कार्यों को गति देने में कम अपना विकास करने में ज्यादा रही, इसीलिए वे बहुत जल्दी सांसद की नजरों में अपने नबंर घटा बैठे।
मुख्य विकास अधिकारी प्रताप सिंह भदौरिया का स्थानांतरण एटा जिले में इसी पद पर हुआ है, वे न सिर्फ तेजतर्रार थे, बल्कि कड़ी मेहनत भी कर रहे थे, लेकिन एमएलसी व सपा जिलाध्यक्ष बनवारी सिंह यादव के कहने पर एक व्यक्ति को लोहिया आवास देने में देरी कर दी, इस पर वे नाराज हो गये और सांसद के समक्ष प्रतिष्ठा का सवाल बना कर अड़ गये। चूँकि बनवारी सिंह यादव वरिष्ठ नेता हैं, उनकी जिद टालने का सवाल ही नहीं उठता था, सो सांसद ने न चाहते हुए भी प्रताप सिंह भदौरिया को भी हटवा दिया, उनकी जगह अच्छे लाल यादव भेजे गये हैं।
उधर बदायूं में तैनात किये गये जिलाधिकारी पवन कुमार ने 9 बजे के लगभग सीडीओ प्रताप सिंह भदौरिया के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच कर कार्यभार ग्रहण कर लिया। जिलाधिकारी पवन कुमार 2008 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और इससे पूर्व वह जनपद सहारनपुर, चंदौली, फरूखाबाद एवं संभल में जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं। वह 2010 में बदायूं में भी कुछ माह के लिए एसडीएम सदर के पद पर रहे हैं। फिलहाल विशेष सचिव सिंचाई के पद पर तैनात थे। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की प्राथमिकताएं ही उनकी प्राथमिकता होंगी। शिक्षा और समाज कल्याण के कार्यों पर विशेष वल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास कायम करने हेतु इस प्रकार व्यवस्था बनाई जाएगी कि जनता कानून व्यवस्था कि प्रति संतुष्ट हो। उन्होंने कहा कि जनता अपनी समस्याओं के लिए निर्धारित अवधि में कार्यालय में नि:संकोच मिल कर अपनी समस्याएं एवं शिकायतें दे सकती है। नवागत जिलाधिकारी ने कहा कि वह जिस जनपद में रहते हैं, उनका प्रयास रहता है कि विकास कार्यों में प्रदेश स्तर पर जनपद प्रथम स्थान पर रहे। उन्होंने कहा है कि जहां खामियां पाई जायेंगी, उन्हें हर हाल में दूर किया जाएगा। इस अवसर पर एडीएम (प्रशासन) अशोक कुमार श्रीवास्तव, एडीएम (वित्त) राजेन्द्र प्रसाद यादव, एसपी (सिटी) अनिल कुमार यादव, नगर मजिस्ट्रेट अजय कुमार श्रीवास्तव एवं एसटीओ प्रवीन कुमार त्रिपाठी सहित सभी एसडीएम मौजूद रहे। यहाँ यह भी बता दें कि दास कॉलेज का एक बाबू पवन कुमार के आने से गदगद है, वह उनके पद का दुरूपयोग भी करना चाहेगा, जिससे पवन कुमार को बेहद सतर्क रहना होगा।
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