बदायूं जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की भावनाओं के विपरीत कार्य किये जा रहे हैं, वे निरंतर निर्देश दे रहे हैं कि विधायक और सांसद ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने से बचें, जातिवाद से दूर रहें, लेकिन भाजपा नेता जाति देख कर ही पोस्टिंग कराते नजर आ रहे हैं। दो थानाध्यक्ष तैनात कराये जा चुके हैं एवं अन्य को बदलने का दबाव बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनते ही सांसदों को निर्देश दिए थे कि वे ट्रांसफर-पोस्टिंग से दूर रहें और सरकार को कार्य करने दें, इसी तरह मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी निरंतर निर्देश दे रहे हैं कि भाजपा नेता ट्रांसफर-पोस्टिंग से दूर रहें, जनसमस्याओं का समाधान कराने पर ध्यान दें। शासनादेश जारी किये जा रहे हैं, उनमें यह प्रमुखता से लिखा जा रहा है कि जाति विशेष को वरीयता न दी जाये, पर भाजपा नेता मानने को तैयार नहीं हैं, वे अफसरों पर दबाव बना कर अपनी जाति के लोगों को तैनात कराने में जुटे नजर आ रहे हैं।
बदायूं जिले के थाना उघैती में नरेश कश्यप और थाना कादरचौक में राजेश कश्यप को थानाध्यक्ष बनाया गया है। सूत्रों का कहना है कि नरेश कश्यप और राजेश कश्यप आंवला लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद धर्मेन्द्र कश्यप के चहेते हैं, उनकी सिफारिश पर ही दोनों को थानाध्यक्ष बनाया गया है। विशेष ध्यान देने की बात यह है कि पुलिस विभाग में पुनः पोस्टिंग करने से बचा जाता है, क्योंकि पूर्व में किसी को किसी न किसी कारण से हटाया गया होता है, लेकिन सांसद धर्मेन्द्र कश्यप की सिफारिश होने के कारण नरेश कश्यप को थाना उघैती में पुनः तैनात कर दिया गया है। हालाँकि उक्त प्रकरण में पुलिस विभाग के अफसर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं और सांसद धर्मेन्द्र कश्यप से बात नहीं हो सकी है, पर नरेश कश्यप और राजेश कश्यप चर्चा का विषय बने हुए हैं। लोग तो यहाँ तक कह रहे हैं कि भाजपा के विधायक-सांसद जातिवाद को को ऐसे ही बढ़ावा देते रहे, तो लोकसभा चुनाव को भाजपा को नुकसान हो सकता है।
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