शरद यादव ने हाल ही में कहा था कि बेटी की इज्जत से ज्यादा है वोट की इज्जत, इस पर बड़ा विवाद हुआ, तमाम लोगों ने कड़ी आलोचना भी की, लेकिन शरद यादव के विवादित बयान को जाति विशेष के लोग अक्षरशः फ़ॉलो करते नजर आ रहे हैं, तभी बेटी की इज्जत भूल गये हैं और निजी स्वार्थों के चलते उस व्यक्ति का समर्थन करते नजर आ रहे हैं, जिसका राजनैतिक जीवन समाप्त करने के लिए रात-दिन मंत्रोचारण करते थे।
जी हाँ, बदायूं जिले में बिसौली विधान सभा क्षेत्र के श्रेष्ठजन बेटी की इज्जत भूल चुके हैं, तभी अपहरण और यौन शोषण के आरोपी के बेटे को सिर पर बैठाये घूमते नजर आ रहे हैं, उसकी विजय के लिए हवन-पूजन कर रहे हैं और न सिर्फ आशीर्वाद दे रहे हैं, बल्कि निजी स्वार्थों के चलते उसे विजयी बनाने को रात-दिन मेहनत करते नजर आ रहे हैं, जबकि यही लोग बेटी की इज्जत के लिए इसके पूरे परिवार का राजनैतिक जीवन समाप्त करने का संकल्प ले चुके थे और संकल्प पूरा करने के लिए रात-दिन मंत्रोच्चारण करते नजर आते थे।
बेटी की इज्जत भूलने की चर्चा बिसौली विधान सभा क्षेत्र से बाहर भी की जा रही है। जिले भर में चर्चा है कि जो लोग सर्वनाश करने की कसमें खा रहे थे, वही लोग पापी के वंश को ऐश्वर्य और वैभव दिलाने की दिशा में जुटे हुए हैं। लोग तो यहाँ तक कहने लगे हैं कि जो लोग अपनी बेटी की इज्जत भूल गये, उनकी नजर में औरों की बेटी की इज्जत क्या होगी, निजी स्वार्थों के चलते कोई वर्ग विचारों से इतना भी पलट सकता है, इसकी इससे पहले किसी ने कल्पना तक नहीं की थी, इसीलिए बिसौली विधान सभा क्षेत्र के श्रेष्ठजन चर्चा का विषय बने हुए हैं।
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