गलत सोच रखने वालों और गलत काम करने वालों के मन में व्यवस्था का भय रहना चाहिए। हाल-फिलहाल बदायूं में व्यवस्था का भय दिखने लगा है। यह चमत्कार तेजतर्रार एसएसपी सुनील कुमार सक्सेना के आने के बाद हुआ है, उनके दिशा-निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम कड़ी मेहनत कर शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटी हुई है।
बदायूं शहर में यातायात तालिबानी अंदाज में चलता आ रहा है। सड़क पर चलने का कोई नियम नहीं है। ट्रैफिक सेंस यहाँ के लोगों में है ही नहीं। कब, कौन, कहां, किधर से निकल पड़े, इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता, साथ ही व्यापारियों ने सड़कें भी कब्जा रखी हैं, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है, इसके अलावा बड़ी रेल लाइन शुरू होते ही बड़ी संख्या में टैंपो खरीदे गये एवं ई-रिक्शा भी बड़ी संख्या में दिखने लगे हैं, यह सब एक साथ हुआ, तो पहले से ही ध्वस्त व्यवस्था असहनीय हो गई।
बदायूं में तेजतर्रार एसएसपी सुनील कुमार सक्सेना आये, तो उनकी शीर्ष प्राथमिकता में यातायात व्यवस्था आ गई, वे व्यवस्था सुधारने में जुट गये। पहले स्वयं सड़क पर उतरे और फिर यातायात व्यवस्था सुधारने का दायित्व अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) अनिल कुमार यादव को दे दिया, वे दोपहर तक जनसमस्यायें सुनते हैं और उसके बाद शहर में टीम के साथ जुट जाते हैं।
हालात में अब इतना सुधार हो गया है कि अतिक्रमणकारी अनिल कुमार यादव के आने की सूचना भर से कांपने लगे हैं। दुकानों के सामने होने वाला अस्थाई अतिक्रमण यातायात व्यवस्था को बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाता है, इसलिए अतिक्रमण करने वालों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दे दिए गये हैं कि वे अतिक्रमण न करें। अगर, चेतावनी के बाद भी सुधार नहीं हुआ, तो अगले चरण में कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी।
यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस भीषण गर्मी में सड़क पर उतर कर कड़ी मेहनत करती नजर आ रही है, जिससे पुलिस की शहर में सराहना होने लगी है, वहीं अतिक्रमणकारियों में खौफ नजर आने लगा है। जनता का मानना है कि दोपहिया वाहनों के कागजों का निरीक्षण कढ़ाई से होने लगे, तो लूट के साथ अन्य कई तरह की आपराधिक वारदातें भी थम जायेंगी।
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