बदायूं में कई महीनों से कब्जाया जा रहा चंदोखर तालाब को लेकर आंदोलन हो चुका है। माफियाओं का खुल कर साथ देते हुए आंदोलनकारियों पर पुलिस मुकदमे दर्ज कर चुकी है, उसी पुलिस ने अभी-अभी माफियाओं के ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़ लिए हैं। पुलिस ट्रैक्टर-ट्रॉली को नबादा चौकी पर ले गई है।
उल्लेखनीय है कि दातागंज तिराहे के पास कई एकड़ क्षेत्र में फैला विशाल प्राचीन तालाब था, इस तालाब को बेखौफ भू-माफियाओं द्वारा कई महीनों से खुलेआम कब्जाया जा रहा है। शुरू में ही मिटटी पड़ने के कारण पानी जाम हो गया था और मोहल्ला नई सराय के लोगों के घरों में पानी उल्टा घुसने लगा था। लोगों ने प्रशासनिक अफसरों से शिकायत की, लेकिन दबाव के चलते माफियाओं के विरुद्ध कोई अफसर शिकायत तक सुनने को तैयार नहीं हुआ, इसके बाद परेशान लोगों ने प्रशासन और माफियाओं के विरुद्ध आंदोलन चलाया, तो परेशान नागरिकों के विरुद्ध ही मुकदमा दर्ज करा दिया गया और पुलिस से पूरे इलाके में दहशत कायम करा दी गई, जिससे प्रशासन और दबंग भू-माफियाओं के विरुद्ध बोलने तक से लोग कतराने लगे।
उक्त प्रकरण गौतम संदेश ने प्रमुखता से उठाया, तो जिला प्रशासन ने जाँच की औपचारिकता पूरी करते हुए कह दिया कि यहाँ कभी कोई तालाब था ही नहीं, जबकि नक्शा और खसरा में तालाब दर्ज है, साथ ही उच्चतम न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि तालाब को किसी भी स्थिति में समतल नहीं किया जायेगा। पानी की कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पुराने तालाबों के संरक्षण को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी कर चुके हैं, साथ ही नये तालाब बनाने को प्रेरित भी कर रहे हैं, इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन ने खुलेआम चंदोखर तालाब की हत्या करा दी।
माफियाओं को खुलेआम संरक्षण देने वाली पुलिस ने अभी-अभी तालाब में मिटटी डालने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़ लिए हैं। सिविल लाइन थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी नबादा की पुलिस ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़ कर साथ ले गई। पुलिस के अचानक बदले रुख से लोग स्तब्ध हैं, लेकिन कार्रवाई होने को आश्वस्त नहीं है। पुलिस ने कार्रवाई की, तो मोहल्ले में दिवाली जैसा जश्न होगा।
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