बदायूं जिला कारागार के बंदी की मौत पर हाहाकार मचा हुआ है। परिजनों ने पुलिस और जेल प्रशासन पर प्रताड़ित करने और भ्रष्टाचार के चलते लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। मृतक की हालत गंभीर थी, लेकिन जेल प्रशासन भ्रष्टाचार के चलते गंभीरता से नहीं ले रहा था, इसका सनसनीखेज खुलासा एक पत्र से हुआ है।
कस्बा वजीरगंज निवासी अंकित गुप्ता को पुलिस ने सट्टा कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने अंकित के विरुद्ध गैंग्स्टर के अंतर्गत भी कार्रवाई की थी। अंकित लीवर संबंधी बीमारी से पहले से ही ग्रस्त था, साथ ही उसकी टांग में रॉड भी पड़ी थी। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान आज उसका निधन हो गया। अंकित की मौत के बाद हाहाकार मच गया। रो-रोकर परिजनों का बुरा है। बताते हैं कि मृतक अंकित के भाई अलग रहते हैं एवं पिता भी बीमार रहते हैं, जिससे माँ, पिता और एक भांजा मृतक पर ही आश्रित थे।
मृतक के परिजनों को दो दिन पहले एक पत्र मिला था, जिसमें लिखा था कि अंकित की हालत बेहद गंभीर है, उसे जेल से बाहर अस्पताल में शीघ्र भर्ती करा लिया जाये और बाहर रेफर कराने के लिए जेल प्रशासन रूपये लेता है, उसका भी इंतजाम शीघ्र कर लिया जाये, इस पत्र के मिलने के बाद परिजन रुपयों का इंतजाम करने में जुटे थे, इस बीच अंकित की तबियत और ज्यादा खराब हो गई और फिर उसने आज दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप है कि थाना पुलिस ने अंकित की बेरहमी से मार लगाई थी, जिससे पहले से बीमार चल रहे अंकित की हालत और ज्यादा खराब हो गई थी और फिर उसी हालत में पुलिस ने अंकित को जेल भेज दिया था। जेल प्रशासन ने रिश्वत न मिलने के कारण अंकित की बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया, जबकि न्यायालय ने भी जेल प्रशासन को अंकित का उपचार कराने का आदेश दिया था।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)