बदायूं जिले की नगर पंचायत वजीरगंज के चेयरमैन उमर कुरैशी और तत्कालीन ईओ ललितेश सक्सेना के विरुद्ध चल रही जांच आज पूरी हो गई। माना जा रहा है कि सरकारी धन का गोलमाल करने और अन्य तमाम अनियमितताओं को लेकर उमर कुरैशी और ललितेश सक्सेना के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि वजीरगंज नगर पंचायत में बिजली के खंबों में घोटाला, डीजल घोटाला, सफाई घोटाला, मानदेय घोटाला, कीटनाशक घोटाला और भूमि संबंधी घोटाला होने की आशंका जताते हुए उच्च स्तरीय शिकायत की गई थी, जिस पर बरेली के मंडलायुक्त ने प्राविधिक परीक्षक को जांच सौंप दी। बरेली स्थित ग्राम्य विकास विभाग की टीएसी की टीम ने आज वजीरगंज पहुंच कर रिकार्ड देखा एवं स्थलीय परीक्षण किया। सूत्रों का कहना है कि 12 हजार रूपये की कीमत के बिजली के खंबे के 45 हजार रूपये प्रति खंबा आहरित किये गये हैं, जिससे खंबों का ही लगभग एक करोड़ का घोटाला है। यह भी बता दें कि घोटाले के दौरान वजीरगंज के ईओ का कार्यभार ललितेश सक्सेना पर ही था।
समाजवादी पार्टी की सरकार में ललितेश सक्सेना की तूती बोलती थी, उस दौरान कई चेयरमैन ललितेश सक्सेना के सामने बोलते तक नहीं थे। सूत्रों का कहना है कि अब कार्रवाई हुई, तो चेयरमैन उमर कुरैशी को बराबर दंड मिलेगा, जबकि उस दौरान उमर कुरैशी को घोटाले में दस प्रतिशत हिस्सा भी नहीं मिला होगा, क्योंकि उस समय ललितेश और उसका गॉड फादर खुलेआम डकैती डाल रहे थे।
चौंकाने वाली बात यह है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में मनमानी करने वाले बदायूं नगर पालिका परिषद में कर निर्धारण अधिकारी के पद पर तैनात ललितेश सक्सेना को भाजपा सरकार में भी रुदायन और सखानूं नगर पंचायत में ईओ का कार्यभार दे दिया गया है, इसी तरह बरेली जिले की नगर पंचायत दियोरनियाँ में ट्यूबवैल ऑपरेटर के पद पर नियुक्त किये गये मुकेश जौहरी को नियम विरुद्ध बिसौली, फैजगंज बेहटा और बिल्सी में ईओ का दायित्व मिला हुआ है, इसकी भी जाँच होनी आवश्यक है, इन दोनों का संरक्षक 12 वर्षों से टाउन एरिया क्लर्क के पद पर तैनात अविनाश सक्सेना बताया जाता है, पर इसके विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है, जबकि भाजपा के तीन विधायक अविनाश को हटाने की संस्तुति कर चुके हैं।
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