दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे डीपी यादव को न्यायालय ने पिता की मृत्यु पर सहानुभति पूर्वक विचार करते हुए पैरोल पर रिहा करने का आदेश दे दिया है। हालाँकि डीपी यादव ने आज पिता की चिता को मुखाग्नि दी, इस दौरान विकास यादव भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि डीपी यादव के 94 वर्षीय बुजुर्ग पिता तेजपाल सिंह का रविवार की शाम को निधन हो गया था। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, साथ ही परिवार में सबसे बड़े और बुजुर्ग सदस्य होने के चलते उनसे सभी को बेहद लगाव था, जिससे परिवार का प्रत्येक सदस्य शोक में डूब गया। गाजियाबाद में राजनगर स्थित आवास से सोमवार सुबह 8: 30 बजे अंतिम यात्रा शुरू हुई, जहां रिश्तेदार, परिचित और समर्थक रात ही जुट गये थे। गाँव सर्फाबाद में स्थित यदु पब्लिक स्कूल में उनकी चिता को डीपी यादव ने मुखाग्नि दी। डीपी यादव और विकास यादव को जेल प्रशासन ने छः घंटे की छुट्टी दे दी थी। अंतिम संस्कार के बाद दोनों पुनः जेल भेज दिए गये।
उधर डीपी यादव के अधिवक्ता ने उत्तराखंड स्थित देहरादून के न्यायालय में पिता तेजपाल सिंह के निधन का हवाला देते हुए एक महीने की पैरोल पर रिहा करने की गुहार लगाई। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए डीपी यादव को 15 दिन की पैरोल पर रिहा करने की अनुमति दे दी है। बता दें कि डीपी यादव विधायक, यूपी सरकार में राज्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य रहे हैं। सीबीआई न्यायालय ने 28 फरवरी 2015 को भाटी हत्याकांड में डीपी यादव समेत चार लोगों को दोषी करार दिया था, इसी प्रकरण में डीपी यादव दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं।
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