उसके अब हैं दोस्त बहुत, कारण, उसकी शोहरत है: सोनरूपा
बदायूं का कोई न कोई साहित्यकार साहित्य के विशाल आसमान में ध्रुव तारे की तरह चमकता ही रहता है। साहित्यिक दृष्टि से बदायूं की भूमि बेहद उपजाऊ मानी जाती है, यहाँ बिखरे बीज समानुकूल ऋतू आते ही अंकुरित हो उठते हैं। बीज में सबसे अच्छी बात यही होती है कि चाहे जितने गहरे में दबा […]