सुप्रसिद्ध कवि नरेंद्र गरल की सर्वाधिक चर्चित रचनाओं में से एक रचना है कि “छोड़ आये गाँव फसलों की फिजायें छोड़ आये”। भारत का बड़ा वर्ग गांवों में रहता है। रोजी, रोटी के साथ अन्य तमाम कारणों से व्यक्ति को गाँव छोड़ना पड़ जाता है पर, तमाम झंझावतों के बीच व्यक्ति के अंदर गाँव हमेशा […]
सुविख्यात कवि, गीतकार और गजलकार नरेंद्र गरल आध्यात्मिक रूचि के व्यक्ति हैं, सो उनकी रचनायें महानतम श्रेणी में रखी जा सकती हैं। पौराणिक घटनाओं का अपने अंदाज में उल्लेख कर श्रोताओं के अंदर तक घुस जाते हैं। नरेंद्र गरल की एक गजल ऐसी है, जिसे सुनने वाले वाह-वाह करना ही भूल जाते हैं। पढ़ें: मेरी […]