उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि स्वाइन फ्लू से प्रभावित रोगियों की निःशुल्क टेस्टिंग कराने के साथ-साथ आवश्यकतानुसार दवाईयां भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जायें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाये कि सम्बन्धित मेडिकल स्टोर्स द्वारा स्वाइन फ्लू से सम्बन्धित दवाईयों की कालाबाजारी न करने पायें। उन्होंने कहा कि सम्भावित कालाबाजारी की रोकथाम के लिए ड्रग्स इन्स्पेक्टरों के माध्यम से चेकिंग का व्यापक अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से सम्बन्धित 90 हजार दवाईयां खरीदने हेतु आदेश निर्गत किये जा चुके हैं, जिसमें 25 हजार दवाईयों की आपूर्ति सम्बन्धित चिकित्सालयों को उपलब्ध हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू से सम्बन्धित दवाईयों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि लखनऊ शहर के पी0जी0आई0 एवं के0जी0एम0सी0 में स्वाइन फ्लू के रोग के परीक्षण हेतु सम्बन्धित लैबों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं और आवश्यकतानुसार बेडों की व्यवस्था एवं नर्सों को तैनात एवं सम्बद्ध किये जाने हेतु निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पी0जी0आई0 एवं के0जी0एम0सी0 में रोग के टेस्टिंग हेतु आवश्यकतानुसार लैब का विस्तार कराया जाये। उन्होंने कहा कि स्वाइन इन्फ्लूएन्जा की रोकथाम के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जा चुकी है, जिसमें टोल-फ्री नम्बर- 1800-180-5145 पर सम्बन्धित रोग के उपचार हेतु तत्काल सम्पर्क कर इलाज की सुविधा प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर महानिदेशालय के संचारी रोग शाखा में कार्यरत अपर निदेशक को राज्य नोडल अधिकारी नामित करते हुए राज्य में एक राज्य स्तरीय तथा समस्त 75 जनपदों में जिला स्तरीय रैपिड रिस्पान्स टीम का गठन कर दिया गया है, जिसमें एक जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ, एक क्लीनिशियन, पैथालाजिस्ट एवं माइक्रोबायोलाजिस्ट को रखा गया है।
मुख्य सचिव आज लखनऊ स्थित शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में स्वाइन फ्लू रोग के रोकथाम एवं उपचार हेतु सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू रोग से लगभग 141 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 102 की संख्या लखनऊ जनपद से है। उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर आम नागरिकों को जागरूक कर यह पूरा प्रयास किया जाये कि स्वाइन फ्लू से प्रभावित रोगियों की संख्या बढ़ने न पायें और प्रभावित रोगियों का इलाज प्राथमिकता से सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी निजी अस्पतालों में भी प्रभावित रोगियों के इलाज हेतु पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायें।
श्री रंजन ने यह भी निर्देश दिए कि स्वाइन फ्लू रोग से सम्बन्धित संवेदनशील मोहल्लों के नागरिकों को जागरूक करने हेतु चिकित्सा अधिकारियों की टीम तत्काल भेजी जाये। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में भी बच्चों के प्रेयर के समय रोग के रोकथाम एवं उपचार से सम्बन्धित जानकारी अवश्य दिलाई जाये। उन्होंने कहा कि संवेदनशील स्थानों पर कैम्प लगाकर रोग के रोकथाम हेतु लोगों को जागरूक किया जाये। उन्होंने कहा कि नगर निगम, पंचायती राज विभाग एवं अन्य सम्बन्धित विभाग अभियान चलाकर संवेदनशील स्थानों की सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि रोग के उपचार एवं जागरूक करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार हर स्तर पर कराते हुए सिनेमाहालों में स्लाइड चलवाई जायें। बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव, सूचना नवनीत सहगल, निदेशक पी0जी0आई0 सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
उधर शासन स्तर से कड़े निर्देश के बावजूद जिला स्तर पर हालात नहीं सुधर पा रहे हैं। कुछ जिलों में स्वाइन फ्लू वार्ड बना तो दिए गये हैं, लेकिन वार्ड के नाम पर सिर्फ औपचारिकता ही निभाई गई है। बदायूं के जिला अस्पताल में बने वार्ड में ताले पड़े रहते हैं, जिससे जानकारी लेने आये लोग ताला देख कर लौट जाते हैं।