अब अधिकांश लोग बैठे-बैठे ही धनपति बनना चाहते हैं और आम जनता को मूर्ख बना कर ठगने के नये-नये फंडे इजाद करते रहते हैं। अधिकांशतः ठगों का खुलासा तब होता है, जब वे लोगों को ठग चुके होते हैं, लेकिन शातिर ठग कोई सुबूत नहीं छोड़ते, जिससे ठग कानून के शिकंजे में नहीं फंस पाते। कभी-कभी ठगों के षड्यंत्र का खुलासा पहले भी हो जाता है, पर अफसरों की उदासीनता के चलते ठग कार्रवाई से साफ बच निकलते हैं। हाल-फिलहाल युनिनॉर कंपनी के नाम से भेजे जा रहे रजिस्टर्ड पत्र चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन पुलिस के साथ खुफिया विभाग भी पूरी तरह अनिभिज्ञ नजर आ रहा है।
जी हाँ, उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और आम लोगों के पास एक रजिस्टर्ड पत्र पहुंच रहा है, जिस पर युनिनॉर टॉवर्स टेलीकॉम प्रा. लिमिटेड लिखा है और राज्य प्रबंधक राजेश सिंह के हस्ताक्षर व मोहर द्वारा जारी किया गया है। पत्र में ई-मेल आईडी और कुछ मोबाइल नंबर पर दिए गये हैं, इस पत्र में कहा गया है कि 4G सेवा प्रदान करने के लिए आपके यहाँ टॉवर लगाया जाना है। टॉवर जमीन और छत पर लगाया जायेगा, जिसके बदले 4 लाख 50 हजार रूपये एडवांस दिए जायेंगे, साथ ही प्रति माह बीस वर्षों तक 7200 रूपये किराया दिया जायेगा, उससे पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा और स्टांप शुल्क के रूप में 10499 रूपये एकाउंट में जमा कराने होंगे, डिमांड ड्रॉफ्ट भी मान्य है, इसके बाद टीम एग्रीमेंट करने पहुंचेगी। टीम ने संस्तुति नहीं की, तो रुपया चेक द्वारा 30 दिन के अंदर वापस कर दिया जायेगा। पत्र में 14 शर्तें व नियम भी हैं, साथ ही 5 चेतावनी दी गई हैं, जिनमें अंतिम तिथि अलग-अलग पत्रों पर हाथ से अलग-अलग डाली गई हैं, साथ ही पत्र में मुंबई का पता दर्ज है, जबकि पत्र लखनऊ से जारी किया गया है, लेकिन लखनऊ का कोई पता नहीं लिखा है।
ठगों द्वारा ऐसे पत्र काफी दिन पहले से भेजे जा रहे हैं, जिससे जगह-जगह लोग ठगों के झांसे में फंस भी रहे हैं, लेकिन पुलिस के साथ खुफिया विभाग भी पूरी तरह अनिभिज्ञ नजर आ रहा है। प्रदेश सरकार समय रहते ठगों पर कानूनी शिकंजा कस दे, तो प्रदेश के हजारों लोग ठगों के चंगुल में फंसने से बच सकते हैं।