बदायूं जिले के पूर्ति विभाग के अधिकारी मनमानी पर उतर आये हैं और शासनादेश के विपरीत नई दुकानों का सृजन कर रहे हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में चार हजार यूनिट पर एक दुकान सृजित की जाती है। शासना देश संख्या- 2714/29-6-2002-162 जारी किया गया था, इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गये हैं, इसके बावजूद पूर्ति विभाग के अधिकारी माफियाओं के दबाव में कस्बा बिसौली में दो दुकानें सृजित करने पर तुले हुए हैं। हालांकि शासन स्तर पर शिकायत भी हो चुकी है एवं विशेष सचिव नरेंद्र कुमार चौधरी 15 जनवरी 2004 को शासनादेश का कड़ाई से पालन कराने का आदेश दे चुके हैं, लेकिन बिसौली मेें इस आदेश की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
बिसौली नगर में इस समय 34729 यूनिट हैं, जिन पर दस दुकानें कार्यरत हैं। इन दस दुकानों के हिसाब से भी कुल चालीस हजार यूनिट होने चाहिए, जो अधिकृत संख्या से 5271 यूनिट कम हैं। इस प्रकार यहां कम से कम कार्यरत एक दुकान और निरस्त होनी चाहिए, लेकिन विभाग ने दो और दुकानों की नियुक्ति की विज्ञप्ति जारी की है, जिसकी अंतिम तिथि 16 फरवरी 2015 निश्चित थी। आवेदन आ चुके हैं। लॉटरी सिस्टम से दुकानों का आवंटन होना शेष बचा है। यदि आवंटन हो जाता है, तो सवाल उठता है कि बिसौली में आवश्यकता ही नहीं है, तो विभागीय अधिकारी जबरन दुकानें सृजित करने के लिए मनमानी पर क्यूं उतर आये हैं?