बदायूं जिले की पुलिस लापरवाही और मनमानी की सीमायें लांघती जा रही है। हालात इतने बद्तर हो चले हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के निजी सचिव रह चुके सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के प्रार्थना पत्र पर भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। आम आदमी की तरह उनका प्रार्थना पत्र इधर-उधर घूम रहा है और उन्हें परेशान करने वाले दबंग के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
बदायूं जिले में स्थित दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गाँव धौरेरा के निवासी दिवाकर उपाध्याय सेवानिवृत्त आईएएस अफसर हैं और नई दिल्ली स्थित साकेत में रहते हैं, उनका पुश्तैनी घर और जमीन आज भी गाँव धौरेरा में है। दिवाकर उपाध्याय के घर की ओर जाने वाले रास्ते को गाँव के ही एक दबंग ने बंद कर दिया है। भारत सरकार और प्रदेश सरकार के साथ जिला स्तरीय अफसरों को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि उनके घर की ओर जाने वाला रास्ता परदादा के समय से था और वह आम रास्ता है, जिस पर दबंग ने पहले शौचालय बनाया और फिर भैंस बांध कर रास्ता कब्जा लिया, जिसकी शिकायत स्थानीय अफसरों से की गई, तो अफसरों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दिवाकर उपाध्याय ने दबंग के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए रास्ते को कब्जा मुक्त कराने की पुलिस व प्रशासन के कई बड़े अफसरों से मांग की है, लेकिन उनके प्रार्थना पत्र पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बता दें कि दबंग के प्रधान, सचिव, लेखपाल और स्थानीय पुलिस कर्मियों से नजदीकी संबंध हैं, जो वरिष्ठ सेवानिवृत्त आईएएस अफसर पर भारी पड़ रहे हैं। यह भी बता दें कि दिवाकर उपाध्याय देश के सम्मानित आईएएस अफसरों में से एक हैं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के निजी सचिव रह चुके हैं, वे फिलहाल अस्वस्थ भी हैं और पिछले कई दिनों से दिल्ली के ही एक अस्पताल में भर्ती हैं।