सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव लगातार चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन सपा नेता सुधरने को तैयार नहीं हैं। बरेली जिले के बाहुबली सपा नेता अनिल शर्मा की दबंगई का क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। बरेली जिले की सीमा पार करते हुए अनिल शर्मा ने जमीन पर कब्जा कर बदायूं जिले में भी दस्तक दे दी है। चौंकाने वाली बात यह है कि अनिल शर्मा ने कॉलोनी का नाम लोहिया नगर रखा है, जिससे जिला प्रशासन के अफसर उनके विरुद्ध कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है, जबकि एक पीड़ित के पास उच्च न्यायालय का स्टे है, वहीं दूसरा पीड़ित भी न्यायालय की शरण में जाने वाला है।
उल्लेखनीय है कि बरेली जिले की बिथरी चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार आदि बदायूं में दातागंज तिराहे के निकट रॉयल इन्क्लेव नाम से कॉलोनी बना रहे थे, जिसे बाद में उन्होंने दिल्ली के आजादपुर में स्थित बिल्टैक रजिस्टर्ड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर देव नारायण को बेच दिया, तो देव नारायण रॉयल रेजीडेंसी नाम से कॉलोनी बनाने लगे, इस बीच खुलासा हुआ कि देव नारायण के साथ धोखाधड़ी हुई है, तो उन्होंने न्यायालय की मदद से थाना सिविल लाइन में विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार आदि के विरुद्ध 13 सितंबर 2015 को धारा- 420, 468, 504, 506 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करा दिया, जिसमें पुलिस आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर चुकी है, लेकिन बसपा विधायक वीरेन्द्र कुमार गंगवार उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पर स्टे प्राप्त कर चुके हैं, जिस पर अगली सुनवाई 22 अगस्त को होनी है।
इसके अलावा बदायूं निवासी जगमोहन पटेल का आरोप है कि उनके घर में विवाह समारोह था, उस रात उनकी जमीन पर रास्ता बना लिया गया, जिसके विरुद्ध वे उच्च न्यायालय गये, तो 8 अगस्त को न्यायालय से उन्हें स्टे प्राप्त हो गया, इस सबके चलते निर्माणाधीन रॉयल रेजीडेंसी कॉलोनी पर रोक लग गई। अब सूत्रों का कहना है कि बसपा विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार ने बरेली के ही बाहुबली सपा नेता अनिल शर्मा को उक्त जमीन सौंप दी है। दबंग अनिल शर्मा ने रॉयल रेजीडेंसी का नाम उखाड़ कर फेंक दिया और उसकी जगह लोहिया नगर लिख दिया, जहाँ बुकिंग भी शुरू हो गई है। दहशत के चलते देव नारायण मौके पर जाने से कतरा रहे हैं, लेकिन वे मुख्यमंत्री से मिल कर गुहार लगाने का प्रयास कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने भी कार्रवाई नहीं की, तो वे उच्च न्यायालय की शरण में जायेंगे, वहीं जगमोहन पटेल को उच्च न्यायालय से स्टे मिल गया है, इसके बावजूद जिला प्रशासन के अफसर अवैध कब्जा नहीं रुकवा रहे हैं।