जिला कारागार में बंदियों की भूख हड़ताल को लेकर जिला प्रशासन की साँसें थमी हुई थीं। तमाम अफसर सुबह से जूझ रहे थे, लेकिन आक्रोशित बंदी सांसद धर्मेन्द्र यादव के अलावा किसी और से बात ही नहीं करना चाहते थे, लेकिन डीसीबी के चेयरमैन ब्रजेश यादव के आश्वासन के बाद बंदियों ने भूख हड़ताल समाप्त कर दी।
उल्लेखनीय है कि संभल जिले में स्थित कोतवाली गुन्नौर क्षेत्र के गाँव नदरौली निवासी तुकमेश यादव (24) की रविवार रात बदायूं स्थित जिला कारागार में मृत्यु हो गई थी। मृतक के भाई योगेश यादव ने आरोप लगाया कि नदरौली के ही निवासी मुनीश, राजेश और उदयवीर से मिल कर जेल अधीक्षक एल.एन.दोहरे, डिप्टी जेलर सुनील गौतम और सीओ दीपक चौहान ने तुकमेश को मौत के घाट उतार दिया। मृतक के भाई योगेश यादव की तहरीर पर थाना सिविल लाइन पुलिस ने धारा- 302 और 120बी आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी।
इधर जिला कारागार के बंदियों ने मनमानी और भ्रष्टाचार के विरोध में भूख हड़ताल शुरू कर दी, तो शासन तक हड़कंप मच गया। रात में डीआईजी (जेल) शशि श्रीवास्तव पहुँच गईं, लेकिन बंदी उनसे बात करने को तैयार नहीं हुए। सुबह एडीएम (प्रशासन) अशोक श्रीवास्तव, एसपी (आरए) मुन्नालाल, एसपी (सिटी) अनिल यादव, कई सीओ और कई थानों की पुलिस और पीएसी के साथ जेल में पहुंच गये, लेकिन आक्रोशित बंदी किसी अफसर की बात तक सुनने को तैयार नहीं हुए।
दोपहर में जिलाधिकारी सीपी त्रिपाठी भी जेल के अंदर पहुँच गये, लेकिन आक्रोशित बंदियों की मांग वे भी पूरी नहीं कर पाये। आक्रोशित बंदी सांसद धर्मेन्द्र यादव को बुलाने की मांग करने लगे। जिले से बाहर होने के कारण सांसद का तत्काल आ पाना संभव नहीं था, जिससे अफसरों की साँसें थम गईं। अफसरों ने सांसद के प्रतिनिधि अवधेश यादव और विधायक आशीष यादव को बुलाया, लेकिन बंदियों ने उनसे भी बात नहीं की, इसके बाद देर शाम करीब पांच डीसीबी के चेयरमैन ब्रजेश यादव जेल के अंदर गये। उन्होंने धैर्य पूर्वक आक्रोशित बंदियों की बात सुनीं और बंदियों की समस्त मानवीय मांगें मान लीं।
डीसीबी के चेयरमैन व लोकप्रिय युवा सपा नेता ब्रजेश यादव ने कहा कि सांसद धर्मेन्द्र यादव स्वयं चाहते हैं कि जिले में आदर्श व्यवस्था हो। भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने वाले अफसर उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार और मनमानी करने वालों को कड़ी सजा देते हैं। ब्रजेश यादव के आश्वासन के बाद जेल के अंदर मैस के इंचार्ज को तत्काल बदल दिया गया। बंदियों को सबसे बड़ी शिकायत मैस के भ्रष्टाचार को लेकर ही थी, साथ ही तुकमेश यादव की हत्या में नामजद दबंगई करने वाले तीनों अफसरों को निलंबित करने का आश्वासन भी दिया गया है, इसके अलावा तुकमेश यादव की मृत्यु के कारणों की न्यायिक जांच होगी, जिसके लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) अशोक कुमार श्रीवास्तव को जांच अधिकारी नामित कर दिया गया है। ब्रजेश यादव ने शासन स्तर पर बात की, तो शासन ने निलंबन की सहमति दे दी, इसके बाद बंदियों ने भूख हड़ताल समाप्त कर दी, तो अफसरों के चेहरे खिल उठे। बता दें कि ब्रजेश यादव ग्राम्य विकास राज्यमंत्री ओमकार सिंह यादव के बेटे हैं।
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