उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और राजकिशोर सिंह की बर्खास्तगी एवं मुख्य सचिव दीपक सिंघल के हटने के बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव का आत्मबल कमजोर करने वाला दांव चला है। सपा सुप्रीमो ने प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व अखिलेश यादव से छीन कर शिवपाल सिंह यादव को दे दिया है, वे प्रदेश में सपा के प्रभारी पहले से ही थे।
विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के चयन में अब शिवपाल सिंह यादव की भूमिका मुख्य हो जायेगी। कई मामलों में शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच टकराव बढ़ता जा रहा था, इस बार शिवपाल सिंह यादव भारी पड़ गये हैं। हालांकि अखिलेश यादव शांत तो नहीं रहने वाले, लेकिन सपा सुप्रीमो के इस गर्दन तोड़ दांव को वे कैसे निरर्थक साबित करेंगे, यह देखना काफी दिलचस्प रहेगा।
यहाँ यह भी बता दें कि दलाल और माफियाओं को छोड़ कर उत्तर प्रदेश की आम जनता अखिलेश यादव के साथ ही है, जिससे उनका मनोबल बढ़ा हुआ है, इसीलिए वे कड़े फैसले ले पा रहे हैं। उधर इस उठापठक में अमर सिंह भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, उनकी हनक पहले जैसी कायम नहीं हो पा रही है, इसलिए वे भी अखिलेश यादव को किनारे करने में लगे हुए हैं, उनके दबाव में ही सपा सुप्रीमो ने शिवपाल सिंह यादव का कद बढ़ाया है।