बदायूं जिले के तेजतर्रार एसएसपी चन्द्रप्रकाश ने भ्रष्टाचारियों और लापरवाहों पर शिकंजा कस दिया है। बेकसूर से रिश्वत मांगने वाले दरोगा और चालक के साथ यौन उत्पीड़न में फंसे दरोगा सहित कुल पांच कर्मचारियों को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है। निलंबित कर्मियों की विभागीय जाँच भी बैठा दी गई है। एसएसपी की कार्रवाई से मनमानी करने वाले पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच गया है।
उल्लेखनीय है कि इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गाँव गढ़ीखानपुर निवासी दुष्यंत कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि एसओ रघुराज ने उसके विरुद्ध जाति विरोधी मानसिकता के चलते फर्जी प्रार्थना पत्र पर चोरी करने का फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया, इसके बाद एसओ रघुराज ठाकुर विरोधी होने के चलते लगातार दबिश दे रहे थे, साथ ही अपने चालक मलखान सिंह और सब-इंस्पेक्टर रंजीत बहादुर से रिश्वत देने का दबाव बनवा रहे थे। दुष्यंत ने आरोप लगाया कि पहले एक लाख रूपये मांगे गये, जिस पर उसने असमर्थता जताई, तो 50 हजार रूपये देने का फरमान सुना दिया गया।
बेकसूर दुष्यंत के पक्ष को गौतम संदेश ने प्रकाशित किया। खबर पर संज्ञान लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने बदायूं पुलिस को चौबीस घंटे के अंदर जाँच कर आख्या देने का निर्देश दिया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए तेजतर्रार एसएसपी चन्द्रप्रकाश ने रंजीत बहादुर और मलखान को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने बिल्सी थाने में तैनात यौन उत्पीड़न के आरोपी सब-इंस्पेक्टर अशोक तालियान और सहसवान स्थित स्थित फायर स्टेशन के जमुना प्रसाद एवं हरभान सिंह को भी निलंबित किया है, लेकिन एसओ रघुराज के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे दुष्यंत डरा-सहमा है।
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