दांतों की देखभाल से यौवन बना रहता है और उम्र भी बढ़ जाती है: डॉ. राजीव

दांतों की देखभाल से यौवन बना रहता है और उम्र भी बढ़ जाती है: डॉ. राजीव
दांतों की देखभाल से यौवन बना रहता है और उम्र भी बढ़ जाती है: डॉ. राजीव

दाँतों को लेकर बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। दांत व्यक्तित्व के साथ संपूर्ण शरीर व स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाते हैं। जरा सी लापरवाही बड़ा नुकसान कर सकती है। दाँतों और मसूड़ों को लेकर स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव सिंह अहम सलाह दे रहे हैं, जिनको मानने से न सिर्फ दाँतों को, बल्कि संपूर्ण शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।

दांतों की देखभाल

दांत शरीर का कितना महत्वपूर्ण अंग है, इसका अंदाज़ा बुजुर्ग व्यक्तियों से पता कीजिये, जो मनचाहा खाना नहीं खा पाते हैं। अतः दांतों को कैसे सुरक्षित रखा जाये, ये जानना महत्वपूर्ण है, जिससे जीवनपर्यंत हम इच्छानुसार स्वास्थ्यवर्धक खाना खा सके। दांतों को सुरक्षित व सही रखने हेतु निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें और दिए गए सुझावों को अमल में लायें।

1- शीशे के सामने मुंह खोलकर अपने दांतों को देखें कि कहीं कोई कैविटी (दांतों मे कीड़ा) कालापन तो नहीं है, यदि है तो उसकी फिल्लिंग करा लें, अगर नजरअंदाज करेंगे, तो कैविटी बढ़ती जायेगी।

2- यदि दांतों मे टारटर (कैलकुलस) मतलब दांतों पे मैल लगा है, तो ये दांतों मे पायरिया बना देगा, पायरिया से दांत हिलने लगेंगे, जिसका फिर कोई इलाज नहीं, जो दांत बचा सके। इससे बचने का सिर्फ इलाज यही है कि अपने दांतों को साफ रखें, दिन मे दो बार ब्रुश से अपने दांतों को साफ करें, रात को सोने से पहले ब्रुश जरुर करें। अगर दांतों में पहले से टारटर लगा है, या पायरिया है, तो डेंटिस्ट से अपने दांतों की सफाई जरुर करायें।

3- अगर किसी के दांत मे बार-बार दर्द होता है, कभी-कभी कोई खाने की चीज फंस जाने पर दर्द होने लगता है, लेटने पर दर्द बढ़ जाता है, तो तुरंत डेंटिस्ट से मिलें और पूरा इलाज करायें, सिर्फ दर्द निवारक गोली से काम चलाते रहेंगे, तो दांत की समस्या बढ़ती जायेगी और दर्द निवारक गोली के साइड इफेक्ट नजर आने लगेंगे।

4- अगर मुंह से दुर्गन्ध आने की लगातार शिकायत हो, तो ये दांतों के अलावा शरीर की किसी दूसरी समस्या की तरफ भी इशारा हो सकता है, इसलिये अपने मित्रों व मिलने वालों के सामने शर्मिंदा होने की बजाय डेंटिस्ट से मिलें।

5- अच्छे टूथपेस्ट के साथ अच्छे टूथब्रश का भी उतना ही महत्व है। टूथब्रश ना ज्यादा सख्त ना ही ज्यादा मुलायम हो, हर दो महीने में टूथब्रश बदलते रहना चाहिये।

मसूड़े से खून आने का कारण

किसी-किसी के ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आता है, या खाते समय मसूड़ों से खून आता है, ऐसा विज्ञापन आजकल टूथपेस्ट का अक्सर टीवी पर देखते होंगे। इसमें मसूड़े से खून को रोकने के लिए टूथपेस्ट की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर आपको वाकई यह समस्या है, तो बजाय टूथपेस्ट बदलने के आप डॉक्टर से मिलें, क्योंकि हो सकता है कि मसूड़े से अक्सर खून आने की समस्या किसी गंभीर बीमारी का इशारा हो।

जिन्जवाइटिस (Gingivitis)और पेरिओदोन्तितिस (Periodontitis)
जिन्जवाइटिस मसूड़ों में होने वाला रोग है, जिसमें मसूड़े कमजोर हो जाते हैं और उनमें सूजन व जलन की समस्या होने लगती है। इसके शुरुआती दौर में अक्सर मसूड़ों से खून आता है और अगर इसके इलाज में लापरवाही की, तो यह गंभीर संक्रमण में बदल सकता है। हो सकता है यह पेरियोडोंटल (जिसे आम भाषा में पायरिया कहते है) नामक रोग की भी वजह बन जाए, जिसमें मसूड़े इतने कमजोर हो जाते हैं कि दांत गिरने लगते हैं।

दवाओं का साइड एफेक्ट
कई बार कुछ स्ट्रांग दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से भी मसूड़ों से खून निकलने लगता है। एस्पिरिन के साइड इफेक्ट की वजह से भी अक्सर यह समस्या हो सकती है।

गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव
कई बार गर्भवती महिलाओं को मसूड़े से खून आने की दिक्कत अधिक होती है। इसे प्रेग्नेंसी जिन्जवाइटिस भी कहते हैं। इसमें हार्मोनल बदलाव की वजह से मसूड़ों तक सही तरीके से खून नहीं पहुंच पाता, जिस वजह से मसूड़े कमजोर होने लगते हैं और उनसे खून निकलता है।

ल्यूकेमिया
मसूड़ों से खून आना महिलाओं में होने वाले इस गंभीर रोग का भी शुरुआती लक्षण हो सकता है, जो इस रोग की प्रारंभिक अवस्था में ही पता चल सकता है।

मुंह की गंदगी
अगर आप दिन में दो बार ब्रश नहीं करते हैं, दांतों की सफाई पर अच्छी तरह नहीं ध्यान देते हैं, तो भी आपको यह समस्या हो सकती है, लेकिन मुंह की सही तरह से सफाई करने के बाद भी यह दिक्कत नहीं रुकती, तो डॉक्टर से जरूर मिलें। कई बार मुंह की गंदगी इतनी सख्त हो जाती है कि सिर्फ ब्रश से सफाई नहीं की जा सकती , तब डॉक्टर से ही सफाई जरुरी हो जाती है।

दांतों की देखभाल

मनुष्य की शारीरिक संरचना में जीवनयापन करने हेतु शरीर के सभी अंगों का कार्य करना व सुरक्षित होना आवश्यक है, जैसे कि चलने के लिये पैर, काम करने के लिये हाथ, देखने के लिये आंख, उसी प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के रखने के लिये दांतों का  महत्वपूर्ण कार्य है। अतः दीर्घायु हेतु हमारे दांतों का सुरक्षित रहना आवश्यक है। सभी दांतों का सुरक्षित रहने के कई अन्य लाभ भी है जैसे कि …

1- यदि बुढ़ापे में सारे दांत मुंह में रहेंगे, तो आयु चेहरे से कम दिखेगी, मतलब ढलती उम्र में भी जवां नजर आयेंगे।

2- यदि हम सभी प्रकार का खाना चवा-चवा कर खा पायेंगे, तो ही सेहत अच्छी रहेगी।

3- कई रिसर्च में मसूड़ों की बीमारी का दिल की बीमारियों से सबंध पाया गया है कि मसूड़ों की बीमारियों दिल की बीमारियों को बढ़ा देती है। यदि इतने सारे फायदे दांतों की सेहत से जुड़े हैं, तो क्यों ना दांतों की थोड़ी सी देख भाल करें, जिससे दांतों को सुरक्षित किया जा सके।

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