सपा के छः में दो मजबूत, दो सामान्य और दो प्रत्याशी फिसड्डी

सपा के छः में दो मजबूत, दो सामान्य और दो प्रत्याशी फिसड्डी

बदायूं जिले में समाजवादी पार्टी के सभी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। चार योद्धा पुराने ही रहेंगे, जिनमें तीन दमदार हैं। दो नये प्रत्याशी बनाये गये हैं, जिनमें एक बेहद कमजोर माना जा रहा है। आज की राजनैतिक स्थिति की बात करें, तो सपा दो क्षेत्रों में सबसे आगे, दो क्षेत्रों में संघर्ष करती हुई नजर आ रही है, वहीं दो क्षेत्रों में पिछड़ती दिखाई दे रही है।

बदायूं विधान सभा क्षेत्र में फखरे अहमद शोबी सपा प्रत्याशी घोषित कर दिए गये हैं, यह पिछले दिनों ही सपा में सम्मलित हुए थे, इससे पहले चार चुनाव लड़ चुके हैं और हर चुनाव में बुरी तरह मात खाते रहे हैं। वर्ष- 1993 के चुनाव में इन्हें 27246 वोट मिले, इसके बाद वर्ष- 2002 में हुए चुनाव में इनको मिले वोटों की संख्या घट कर 20489 रह गई और वर्ष- 2007 के चुनाव में इन्हें मात्र 16526 वोट मिले, इसी तरह वर्ष- 2011 के चुनाव में फखरे अहमद शोबी को और भी कम 12404 वोट मिले। फखरे अहमद शोबी को हर अगले चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में कम वोट मिले हैं, ऐसे व्यक्ति पर समाजवादी पार्टी ने दांव लगाया है। वर्ष- 2017 में फखरे अहमद शोबी का क्या हस्र होगा, इसका आंकलन कर पाना अभी कठिन है।

दातागंज विधान सभा क्षेत्र से सपा ने अवनीश यादव का टिकट काट कर सही निर्णय लिया है, वे बेहद कमजोर प्रत्याशी माने जा रहे थे, उनकी जगह कैप्टन अर्जुन सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है। अर्जुन राजनीति के नये खिलाड़ी हैं, नरेश प्रताप सिंह और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चेतना सिंह के सुपुत्र हैं, फिलहाल इनकी यही पहचान है, इस पहचान के सहारे क्षेत्र की जनता के दिल में कितनी जगह बना पायेंगे, यह भविष्य में ही पता चल सकेगा। शेखूपुर क्षेत्र से पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे, चुनाव के दौरान उनकी कोठी पर पुलिस का छापा पड़ गया, जिससे वे मामूली अंतर से चुनाव में पिछड़ गये, इस बार वे भाजपा प्रत्याशी बने, तो सपा प्रत्याशी आशीष यादव को उनसे पार पाना बेहद मुश्किल साबित होगा, लेकिन भाजपा से टिकट उनके बेटे का हुआ, तो सपा-भाजपा और बसपा प्रत्याशी के बीच कड़ा संघर्ष हो सकता है।

सहसवान विधान सभा क्षेत्र से राज्यमंत्री और वर्तमान विधायक ओमकार सिंह यादव को ही प्रत्याशी घोषित किया गया है, जिनकी स्थिति बेहद मजबूत बताई जा रही है। बिल्सी क्षेत्र से सपा ने उदयवीर शाक्य का टिकट घोषित किया था, उनका टिकट काट कर आज पुनः विमल कृष्ण अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है, इससे सपा की हालत बिल्सी क्षेत्र में बेहद खराब हो सकती है, क्योंकि बिल्सी क्षेत्र में ठाकुर मतदाताओं के बाद बड़ी संख्या में मौर्य मतदाता ही है, जो उदयवीर शाक्य का टिकट कटने से खुल कर भाजपा के साथ जा सकते हैं। भाजपा पहले से ही मौर्यों को आकर्षित करने में जुटी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, स्वामी प्रसाद मौर्य और बदायूं में जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य व पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य के चलते उदयवीर शाक्य को मौर्य मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ता, उनका टिकट कटने से हालात एक दम विपरीत हो गये हैं। सपा की लहर में पिछले चुनाव में विमल कृष्ण अग्रवाल को 49272 वोट मिले थे, चुनाव हारने के बाद वे जनता से दूर भी रहे हैं, ऐसे में वे इस बार सपा को कितने वोट दिला पायेंगे, इसका आंकलन कर पाना अभी नामुमकिन ही है।

बिसौली विधान सभा क्षेत्र से वर्तमान सपा विधायक आशुतोष मौर्य “राजू” को ही प्रत्याशी घोषित किया गया है, जिनकी क्षेत्र में मजबूत पकड़ बताई जाती है, साथ ही जातिगत आंकड़े भी उनके पक्ष में नजर आ रहे हैं। सपा के टिकट घोषित होने पर आम जनता की पहली प्रतिक्रिया यही है कि सहसवान और बिसौली में जीत, दातागंज और शेखूपुर में संघर्ष एवं बदायूं विधान सभा क्षेत्र के साथ बिल्सी क्षेत्र में उपस्थित दर्ज कराने वाली स्थिति रहेगी। जनता को अब भाजपा प्रत्याशियों की सूची का इंतजार है, जिसके बाद राजनैतिक समीकरण एक बार फिर बदल सकते हैं।

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