बदायूं जिले में तैनात रहे एक सीओ और एक एसओ के विरुद्ध लापरवाही और मनमानी करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि अफसरों के निर्देश पर भी यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज नहीं किया था। मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर तत्कालीन एएसपी (ग्रामीण) की जांच में आरोप सही पाया था, जिस पर आयोग ने ही मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है।
प्रकरण वजीरगंज थाना क्षेत्र का है, इस क्षेत्र की एक युवती के साथ वर्ष- 2014 में यौन उत्पीड़न की वारदात हुई थी, लेकिन तत्कालीन एसओ शमशाद हुसैन और तत्कालीन सीओ- बिसौली राजवीर सिंह ने लापरवाही और मनमानी पूर्ण रवैया अपनाते हुए पीड़ित का मुकदमा दर्ज नहीं किया। पीड़ित ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर दी, जिसकी जांच आयोग ने तत्कालीन एएसपी (ग्रामीण) बालेंदु भूषण सिंह से कराई, तो जाँच में आरोप सही पाया गया।
एएसपी (ग्रामीण) बालेंदु भूषण सिंह की जाँच आख्या के आधार पर मानवाधिकारी आयोग ने राजवीर सिंह और शमशाद हुसैन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। मुकदमा थाना वजीरगंज में धारा- 166 (ए) के अंतर्गत दर्ज करा दिया गया है। यह भी बता दें कि सीओ राजवीर सिंह रिटायर हो चुके हैं एवं एसओ शमशाद हुसैन मुरादाबाद स्थित पीएसी में सेवायें दे रहे हैं, साथ ही एएसपी (ग्रामीण)के रूप में तैनात रहे बालेंदु भूषण सिंह अब आईपीएस हो गये हैं और वह लखनऊ स्थित मुख्यालय पर तैनात हैं।
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