सफीना स्वयं तो मोहब्बत करती ही थी, उसे लगता था कि अब्दुल भी उससे मोहब्बत करता है, सो उसने स्वयं को उसके हवाले कर दिया। मोहब्बत पाने के लिए सफीना ने अपने माँ-बाप को भी छोड़ दिया, लेकिन पता चला कि अब्दुल तो सिर्फ जिस्म का भूखा था। सफीना अब ऐसे भंवर में फंस गई है कि उसे बचाने के लिए न अब्दुल तैयार है और न ही माता-पिता।
जी हाँ, यह कहानी नहीं, बल्कि विश्वास के सहारे ठगी गई एक युवती की सच्चाई है। हालाँकि युवती भी अनैतिक मार्ग पर आगे बढ़ रही थी, पर वह मोहब्बत में विश्वास के सहारे चलती चली गई और अब स्वयं को न सिर्फ ठगा, बल्कि मूर्ख और अबला महसूस कर रही है। बदायूं जिले में स्थित थाना मूसाझाग क्षेत्र के गाँव मझारा की 20 वर्षीय सफीना (परिवर्तित नाम) गाँव के ही अब्दुल (परिवर्तित नाम) के प्रेम जाल में फंस गई। अब्दुल पहले तो गाँव में ही उसे भोगता रहा, लेकिन चोरी-छुपे मिलने से उसकी भूख शांत नहीं हो पा रही थी, सो 25 नवंबर को उसे लेकर गाँव से भाग गया, जबकि वह न सिर्फ विवाहित है, बल्कि दो बच्चों का पिता भी है।
घटना के बाद युवती के पिता ने सात लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया, तो पुलिस ने 30 नवंबर को दोनों को पकड़ लिया। बरामदगी के बाद पुलिस ने युवती माता-पिता के पास भेजी, तो उन्होंने यह कह कर अपनाने से मना कर दिया कि यह तो जिस दिन भागी थी, उसी दिन हमारे लिए मर गई, इसके बाद पुलिस ने अब्दुल को ही सौंपनी चाही, तो उसने कह दिया कि वह तो पहले से ही विवाहित है, वह क्या करेगा।
माता-पिता और प्रेमी के मना करने के बाद पुलिस असमजंस में है, साथ ही सफीना भी नहीं समझ पा रही कि वह अब क्या करे। हाल-फिलहाल वह महिला थाने में ही है। बयान के बाद मुक्त हो जायेगी, लेकिन सवाल यह है जायेगी कहां? हालाँकि वह बालिग है, इसलिए पुलिस को बहुत ज्यादा चिंता नहीं है। चिंता सफीना को ही है कि वह अब किस रास्ते पर जाये? दोनों ओर से ठुकरा देने के कारण घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। सफीना की जिंदगी पर यह पक्तियां सटीक बैठती नजर आ रही हैं कि “हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था। मेरी किश्ती भी वहां डूबी, जहां पानी कम था।