बरेली स्थित ट्रामा सेंटर सिद्धी विनायक के डॉक्टर ब्रिजेश्वर सिंह और कई अन्य अज्ञात डॉक्टर व स्टाफ पर मरीज की हत्या करने का आरोप लगा है। मृतक के भाई ने मुख्यमंत्री, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कई अफसरों को पत्र भेज कर मुकदमा दर्ज कर ट्रामा सेंटर को सील करने की गुहार लगाई है।
मुख्यमंत्री, डीजीपी और स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक को भेजे पत्र में जिला बदायूं में उघैती थाना क्षेत्र के सराह बघौली निवासी दीपेन्द्र पाल सिंह ने लिखा है कि उसके बाइक सवार दादा किशोरी सिंह व बड़े भाई मुनेन्द्र पाल सिंह को उघैती थाना क्षेत्र में ही एक प्राइवेट बस ने दिनांक 22 मई 2014 को टक्कर मार दी थी, जिसका मुकदमा थाना उघैती में दर्ज है।
पत्र में लिखा है कि उसके दादा की उपचार के लिए बरेली ले जाते समय उसी दिन मृत्यु हो गई, लेकिन मुनेन्द्र पाल सिंह को बरेली के ट्रामा सेंटर सिद्धी विनायक में भर्ती करा दिया गया। उपचार के बाद मुनेन्द्र पाल सिंह के स्वास्थ्य में सुधार हुआ। डॉक्टर ब्रिजेश्वर सिंह ने 3 जून को बताया कि अब मरीज पूरी तरह सही है और अपनी सुविधा के अनुसार डिस्चार्ज करा सकते हैं, लेकिन अस्पताल में ही रख कर और एक-दो दिन उपचार कराने की इच्छा व्यक्त करते हुए परिजनों ने मुनेन्द्र को डिस्चार्ज नहीं कराया, इस बीच डॉक्टर ब्रिजेश्वर सिंह आदि ने जो भी जांचें बताईं, परिजनों ने वो सब कराईं, उन्होंने जितने रूपये मांगे, उतने रूपये दिए, इसके बावजूद मुनेन्द्र पाल सिंह की 5 जून की सुबह में अचानक हालत खराब हो गई और उसने दम तोड़ दिया।
पीड़ित ने पत्र में लिखा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुनेन्द्र की मौत Septicemia के कारण हुई है, जिससे प्रतीत होता है कि डॉक्टर ब्रिजेश्वर सिंह और उपचार करने वाले आधा दर्जन से अधिक अज्ञात डॉक्टर और अज्ञात कंपाउंडर ने मुनेन्द्र को जान कर मार दिया। पत्र में लिखा है कि आज कल टीवी और विज्ञापन ने अनपढ़ व्यक्ति को भी इतना जागरूक कर दिया है कि वे जरा सी चोट लगने पर सबसे पहले डिटॉल से धो देते हैं, साथ ही झोलाझाप डॉक्टर भी सबसे पहले टीटी का इंजेक्शन देते हैं, ऐसे में यह हो ही नहीं सकता कि इतने बड़े ट्रामा सेंटर के डॉक्टर और स्टाफ को यह जानकारी न हो कि चोट में साधारण सी होने वाली बीमारी Septicemia मरीज को कभी भी हो सकती है।
आरोप है कि डॉक्टर ब्रिजेश्वर सिंह और उपचार करने वाले अन्य तमाम अज्ञात डॉक्टर व स्टाफ ने जान कर मुनेन्द्र को मौत के घाट उतार दिया, जो एक तरह से हत्या करने की श्रेणी का ही अपराध है। पीड़ित भाई ने डॉक्टर ब्रिजेश्वर सिंह सहित अन्य सभी अज्ञात दोषियों की डिग्री जब्त करने, ट्रामा सेंटर सिद्धी विनायक को तत्काल सील करने और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तत्काल समस्त दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।