बदायूं जिला यौन शोषण की घटनाओं को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुख्यात हो चुका है, इसके बावजूद शासन-प्रशासन की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा है। हालात इतने भयानक हो चुके हैं कि एक-दो दिन के अंदर किसी न किसी क्षेत्र में वारदात घटित हो ही जाती है। अधिकांशतः पुलिस वारदात को दबाने का ही प्रयास करती नजर आती है। यह भी दुर्भाग्य पूर्ण संयोग ही कहा जायेगा कि अधिकांशतः मौर्य जाति की किशोरियां ही शिकार हो रही हैं। मौर्य जाति की एक और किशोरी के शिकार होने की वारदात प्रकाश में आ रही है, वहीं दूसरी वारदात में किशोरी को घर से उठा लिया और फिर उसका सामूहिक रूप से यौन शोषण किया गया, लेकिन दोनों ही मामलों में पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
पहली घटना बदायूं जिले के थाना मूसाझाग क्षेत्र में स्थित गाँव मोहसमपुर की है, यहाँ की पन्द्रह वर्षीय किशोरी यौन शोषण की शिकार हुई है। किशोरी ने गाँव के युवक पर दरिंदगी का आरोप लगाया है, लेकिन थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है, साथ ही थाना पुलिस घटना को दबाने का प्रयास कर रही है। पीड़ित किशोरी आज परिजनों के साथ पुलिस के वरिष्ठ अफसरों से भी मिली, लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। यहाँ यह भी बता दें कि कटरा सआदतगंज की चर्चित घटना के अलावा कोतवाली उझानी, थाना वजीरगंज और थाना उसहैत क्षेत्र में यौन शोषण की शिकार किशोरियां मौर्य जाति की ही थीं और यह दुर्भाग्य पूर्ण संयोग जारी है। उक्त पीड़ित किशोरी भी मौर्य जाति की ही है।
दूसरी घटना थाना फैजगंज बेहटा क्षेत्र के गाँव सैद सराय की है, जहां बीती रात करीब दो बजे पन्द्रह वर्षीय किशोरी को तीन दबंग यादवों के लड़के उठा ले गये और फिर पूरी रात उसका सामूहिक रूप से यौन शोषण किया। किशोरी गंभीर हालत में सुबह जंगल में मिली थी। पुलिस को नामजद तहरीर दे दी गई है, लेकिन पुलिस जांच के नाम पर घटना को दबाने का प्रयास करती नजर आ रही है। पीड़ित किशोरी भी यादव जाति की है।