बदायूं जिला महिलाओं के लिए नर्क से भी बदतर होता जा रहा है। यौन उत्पीड़न की वारदातें निरंतर बढ़ती जा रही हैं, लेकिन पुलिस कुछ नहीं का पा रही है। हालात इतने भयावह हो चले हैं कि माता-पिता बेटी को लेकर चिंतित रहने लगे हैं।
पहली घटना सहसवान थाना क्षेत्र की हैं, जहां एक नाबालिग दरिंदे ने नाबालिग बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना दिया। घटना रविवार को दिन में 11 बजे घटित हुई, तभी पीड़ित माँ के साथ कोतवाली पहुंच गई, लेकिन कोतवाल ने माँ-बेटी को ही कोतवाली में बैठा लिया और कई घंटे तक बैठाये रखा, इस बीच सीओ को पता चल गया, तो उन्होंने कोतवाल को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया और आरोपी गिरफ्तार हुआ।
दूसरी वारदात मूसाझाग थाना क्षेत्र की है, जहाँ तमंचे के बल पर एक महिला का यौन उत्पीड़न किया गया, जिसके बाद पीड़ित महिला के देवर ने आपत्ति की, तो उसे लोहे की रॉड से बेरहमी से पीटा गया, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है। घायल का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है।
तीसरी वारदात मूसाझाग क्षेत्र की ही है। बाइक द्वारा बहन-भाई बरेली आ रहे थे, तभी उन्हें गाँव गिरधरपुर के पास बंधक बना लिया। जमकर पिटाई लगाई गई, रूपये और कीमती सामान लूट लिया गया एवं भाई के सामने ही बहन का यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया गया।
चौथी वारदात भी मूसाझाग थाना क्षेत्र की ही है। 14 वर्ष की किशोरी को दबंग खींच ले गये और फिर उसका बेरहमी से यौन उत्पीड़न किया गया। यहाँ बता दें कि एसओ अजीत यादव वारदातों को रोकने में पूरी तरह असफल साबित हो रहे हैं, लेकिन अफसर उनके विरुद्ध कभी कोई कार्रवाई नहीं करते, इसीलिए वे जघन्य वारदातों को भी गंभीरता से नहीं लेते।
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