दलित किशोरी को तीन युवकों ने अगवा कर लिया और फिर उसका यौन शोषण कर जंगल में छोड़ गये। किशोरी किसी तरह जंगल में भटकते हुए बुआ के घर पहुंची, तब सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपियों में एक सपा नेता का बेटा है, जिससे पुलिस गिरफ्तारी से बचती नजर आ रही है। किशोरी की हालत गंभीर है और उसका जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है।
जघन्य वारदात बदायूं जिले के थाना कादरचौक क्षेत्र में स्थित गाँव नूरपुर की है। शनिवार शाम चौदह वर्षीय किशोरी शौच के लिए जंगल में गई थी, तभी गाँव के बाइक सवार ओमेन्द्र पाल, सुरेन्द्र पाल और नरेंद्र पाल ने उसे दबोच लिया और अगवा कर घने जंगल के बीच आम के बाग में ले जाकर उसका तीनों ने यौन शोषण किया। कई घंटे यौन शोषण करने के बाद तीनों दरिंदे किशोरी को जंगल में ही छोड़ कर फरार हो गये।
बहशी दरिंदों से मुक्त होने के बाद किशोरी किसी तरह पड़ोसी गाँव रमजानपुर पहुंच गई, जहाँ बुआ के घर जाकर वारदात के संबंध में उसने जानकारी दी। बुआ के परिजनों ने फोन द्वारा किशोरी के भाई को घटना के संबंध में बताया, तो भाई रमजानपुर जाकर किशोरी को घर लाया। पुलिस ने तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है और किशोरी को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया है।
मेडिकल परीक्षण में किशोरी के पेट, जांघों और चेहरे पर खरोंचने के निशान आये हैं। अंतिम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। किशोरी की हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला महिला अस्पताल में एडमिट करा दिया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है।
ओमेन्द्र नाम का आरोपी समाजवादी पार्टी (पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ) के जिलाध्यक्ष टेकचंद पाल का लड़का है एवं गाँव में राशन डीलर भी है, जिससे पुलिस कड़ी कार्रवाई करने से बचती नजर आ रही है। हालांकि पुलिस किसी भी तरह के दबाव से इंकार करते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने का दावा कर रही है, लेकिन पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।