संभल जिले के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद हत्या की जघन्य वारदात की कार्रवाई की निगरानी स्वयं करने लगे तो, मनमानी करने वाले पुलिस कर्मियों की पोल भी खुलने लगी। हेड मुंशी के बाद तेजतर्रार एसपी यमुना प्रसाद द्वारा एसएसआई ब्रजपाल को भी निलंबित कर दिया गया। शिकंजा कसने पर हत्या की जघन्य वारदात का मुख्य साजिशकर्ता कांग्रेस नेता, भू-माफिया योगेन्द्र तौमर फरार हो गया है।
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उल्लेखनीय है कि संभल जिले के गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र में स्थिति गाँव मिठनपुर निवासी योगेन्द्र तौमर कांग्रेस का नेता है एवं अलीगढ़ जिले का कुख्यात भू-माफिया है, इस पर अलीगढ़ में जमीन कब्जाने के मुकदमे के अलावा आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं हैं पर, बताया जाता है कि यह हर तरह की गतिविधियों में संलिप्त रहता है। गाँव स्तर पर इसने गरीबों का जीना दुश्वार कर रखा है, यह सब योगेन्द्र पुलिस की मिलीभगत से ही करता है, जिससे स्थानीय पुलिस से इसकी गहरी सेटिंग रहती है, इसलिए स्थानीय पुलिस योगेन्द्र को नौकरी दांव पर लगा कर भी बचाने का प्रयास करती रही है।
आरोप है कि योगेन्द्र ने रंजिश के चलते 19 मई को दिनदहाड़े खेत पर भाजपा समर्थक जानुद्दीन पर जानलेवा हमला करा दिया था। जानुद्दीन को बेरहमी से पीटने के साथ ही हमलावरों द्वारा रूपये भी लूट लिए गये थे। गंभीर रूप से घायल जानुद्दीन को लेकर परिजन गुन्नौर स्थित कोतवाली पहुंचे थे, जहाँ जानुद्दीन ने घटना के बारे में बताया। गंभीर रूप से घायल जानुद्दीन और उसके भाई के साथ कोतवाली में अभद्रता की गई। आरोप है कि गुन्नौर के कोतवाल और एसएसआई योगेन्द्र तौमर के करीबी हैं, जिससे वे शुरू से ही उसे बचा रहे हैं। एसएसआई ने गाँव में घटना स्थल का नक्शा बनाते समय भी मृतक के भाई से अभद्रता की थी, जिसका वीडियो गौतम संदेश ने प्रचारित किया था।
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प्रकरण तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद के संज्ञान में पहुंचा, उन्होंने सीओ से जाँच कराई, जिसमें एसएसआई ब्रजपाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई। तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने ब्रजपाल को निलंबित कर दिया। बता दें कि हेड मुंशी झाँझन लाल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी। तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद झाँझन लाल को लापरवाही और मनमानी करने के आरोप में पहले ही निलंबित कर चुके हैं।
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इसके अलावा गुन्नौर कोतवाली पुलिस की मनमानी से त्रस्त आकर मृतक की पत्नी और भाई मंगलवार को अपर पुलिस महानिदेशक- बरेली से मिले थे। प्रार्थना पत्र में लिखा कि हत्यारों से कांग्रेस नेता योगेन्द्र तौमर और उसके भाई ने विभिन्न नंबरों से कई बार बात की थी, जिसकी कॉल डिटेल निकाली जाये। हत्यारों को घटना से एक दिन पहले योगेन्द्र तौमर के भाई ने रूपये दिए थे। हत्यारे मारते समय गालियाँ देते हुए कह रहे थे कि यह योगेन्द्र तौमर से टकराने का दुष्परिणाम है। हत्यारे वारदात को अंजाम देकर मृतक के रूपये लूट ले गये थे लेकिन, योगेन्द्र तौमर के दबाव में लूट की धारा ही हटा दी गई है। पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर अपर पुलिस महानिदेशक अविनाश चंद्र ने संभल के एसपी को स्वयं कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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शातिर योगेन्द्र तौमर अलीगढ़ में खुलेआम रह रहा था और पुलिस से लगातार बात कर रहा था। अफसरों ने कार्रवाई की निगरानी शुरू कर दी तो, गुन्नौर कोतवाली पुलिस के इशारे पर फरार हो गया। सूत्रों का कहना है कि योगेन्द्र नोयडा में है और पुलिस अफसरों पर दबाव बनवाने को सत्ता पक्ष में राजनैतिक मदद तलाशने में जुटा है। हालाँकि संभल जिले का एक भाजपा नेता उसकी पहले से ही मदद कर रहा है।
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