समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पत्रकार दिलीप मंडल का विरोध झेल नहीं पाये, उन्होंने पंखुरी पाठक को प्रवक्ता नहीं बनाया, जिससे आहत होकर पंखुरी पाठक ने समाजवादी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। पंखुरी का सपा छोड़ना चर्चा का विषय बन गया है।
समाजवादी पार्टी ने आज अपने प्रवक्ताओं की सूची जारी की है, जिसमें पंखुरी पाठक का नाम नहीं है, इस सूची के सार्वजनिक होते ही पंखुरी ने ट्वीटर पर लिखा कि “भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूँ कि @samajwadiparty के साथ अपना सफ़र मैं अंत कर रही हूँ। 8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित हो कर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व। जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है”
पंखुरी ने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि “कभी जाति कभी धर्म तो कभी लिंग को ले कर जिस तरह की अभद्र टिप्पणियाँ लगातार की जाती हैं और पार्टी नेतृत्व सब कुछ जान कर भी शांत रहता है यह दिखता है कि नेतृत्व ने भी इस स्तर की राजनीति को स्वीकार कर लिया है। ऐसे माहौल में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता कर के बने रहना अब मुमकिन नहीं है।”
अगले ट्वीट में लिखा है कि “मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह तरह की अफ़वाहें फैलायी जाएँगी लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूँ ना ही किसी से जुड़ने का सोच रही हूँ। अन्य ज़िम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह गई थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूँगी।”
पंखुरी के ट्वीट आते ही तहलका मच गया, हर कोई जानने का प्रयास करने लगा कि क्या हुआ, असलियत में पंखुरी पाठक प्रवक्ता न बनाये जाने से आहत हैं। पिछले दिनों पंखुरी नमाज को लेकर की गई पोस्ट को लेकर विवादों में आई थीं एवं हाल ही में पत्रकार दिलीप मंडल ने पंखुरी पाठक के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था, जिससे अखिलेश यादव ने उन्हें प्रवक्ता नहीं बनाया।
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