सांसद धर्मेन्द्र यादव की मेहनत रंग लाने लगी है। यूजीसी ने पुराने नियम पर रोक लगा दी है, जिसके चलते नियुक्तियां टल सकती हैं। नये नियम के अनुसार नियुक्तियां की जायेंगी तो, आरक्षित वर्ग को अक्षरशः लाभ मिलेगा।
समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव विश्व विद्यालयों में दलितों, पिछड़ों और अनूसूचित जन-जाति वर्ग की संख्या कुल पदों की तुलना में बेहद कम होने का मुद्दा संसद में निरंतर उठाते रहे हैं। सांसद ने मानसून सत्र के पहले दिन ही आरक्षण को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला, जिस पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वस्त किया था कि सरकार आरक्षण नियमानुसार लगाने के पक्ष में है।
उक्त मुद्दे पर सांसद धर्मेन्द्र यादव की पहल का असर दिखने लगा है। यूजीसी ने पुराने नियम पर रोक लगा दी है। बताते हैं कि अब तक नियम यह था कि विभागवार नियुक्तियां होती थीं, जिसका नुकसान आरक्षित वर्ग को होता था। बताया जा रहा है कि नये नियम के अनुसार आरक्षण कुल पदों पर लागू होगा, जिससे हर वर्ग का कोटा भरा जा सकेगा। नये नियम को लागू करने की प्रक्रिया में उन विश्व विद्यालयों में असर पड़ेगा, जहाँ भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
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