बदायूं जिले में भाजपा की फजीहत होनी शुरू हो गई है। कमजोर प्रत्याशी के चलते भाजपा सहसवान विधान सभा क्षेत्र में मात खा गई, लेकिन सरकार बनते ही सबसे ज्यादा दबंगई की शिकायतें सहसवान क्षेत्र से ही आ रही हैं। भाजपा के पराजित प्रत्याशी आशुतोष वार्ष्णेय “भोला” ने कैबिनेट स्तर के मंत्री का प्रोटोकॉल लेना चाहा, जिसे देने से एसडीएम ने न सिर्फ मना कर दिया, बल्कि गेस्ट हाउस में बैठने पर भी रोक लगा दी, जिससे बड़ी फजीहत हो रही है। प्रकरण क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
संभल जिले के कस्बा चंदौसी के मूल निवासी आशुतोष वार्ष्णेय “भोला” सहसवान विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रहे थे, जो चुनाव में बुरी तरह से हार गये। टिकट मिलने से पहले भोला कभी इस क्षेत्र में नहीं आये थे और न ही जीतने के बाद आने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने पर भोला क्षेत्र में सक्रिय हो गये और सप्ताह में एक-दो बार आने लगे। बताते हैं कि सहसवान स्थित गेस्ट हाउस में आकर भोला अपना दरबार लगाते थे और तहसील स्तरीय अफसरों को गेस्ट हाउस में ही बुलाते थे, यह सब करने से उनकी क्षेत्र में धमक कायम होने लगी।
बताते हैं कि एसडीएम हरीराम यादव को भोला ने गेस्ट हाउस में बुलाया, तो उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया, साथ ही शीर्ष अफसरों को भी अवगत करा दिया। सूत्रों का कहना है कि शीर्ष अफसरों ने गेस्ट हाउस में भोला के बैठने पर रोक लगाने का निर्देश दे दिया। चूँकि भोला के पास गेस्ट हाउस में बैठ कर दरबार लगाने का कोई आधार नहीं है, सो एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। बात भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों के संज्ञान में भी पहुंच गई, तो एक बड़े पदाधिकारी ने भोला को कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश भी दे दिए। सूत्रों का कहना है कि भोला आज एसडीएम के कार्यालय में जाकर मिले और अपनी ओर से स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन बात कई जगह फैल गई है, जिससे भोला की बड़ी फजीहत हो रही है। घटना चर्चा का विषय बनी हुई है, पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। यह भी बता दें कि चुनाव से कुछ दिन पहले ही भोला भगवाधारी हुए थे, उससे पहले वे समाजवादी पार्टी के नेता थे और बिल्सी विधान सभा क्षेत्र से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने नामांकन के अंतिम दिन अचानक टिकट घोषित कर दिया था।
सहसवान विधान सभा क्षेत्र में भ्रष्टाचार भी चरम पर है। हाल ही में एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें गाँव कोल्हार के राशन डीलर मुकेश मौर्य और पूर्ति निरीक्षक संतोष श्रीवास्तव के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत है। ऑडियो से यह बात स्पष्ट हो रही है कि मुकेश दुकान को बहाल कराने के लिए 1 लाख 10 हजार रूपये दे चुका है, इससे पहले भाजपा नेता सुभाष गौड़ को भीड़ ने राशन की दुकान का आवंटन करने में गलत सिफारिश करने पर दौड़ा लिया था, इस सबसे भाजपा सरकार की क्षेत्र में बड़ी फजीहत हो रही है।
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