बदायूं जिले के सहसवान और बिसौली विधान सभा क्षेत्र में न सिर्फ भाजपा कार्यकर्ताओं की, बल्कि आम जनता की भी हालत खराब है। सहसवान और बिसौली विधान सभा क्षेत्र में पूरी तरह मनमानी की जा रही है, जिससे आम जनता भी त्राहि-त्राहि कर उठी है। सहसवान और बिसौली विधान सभा क्षेत्र में भाजपा के ही शासन काल में कमल के फूल के विपरीत हवा बह रही है, यहाँ फूल काँटों के बीच फंसा नजर आ रहा है। हालात नहीं सुधरे, तो आने वाले समय में भाजपा के प्रत्याशी क्षेत्र में घूम भी नहीं पायेंगे।
सहसवान विधान सभा क्षेत्र में भाजपा ने संभल जिले के कस्बा चंदौसी निवासी आशुतोष वार्ष्णेय “भोला” को अंतिम क्षणों में टिकट दिया था, जिससे वे चुनाव नहीं जीत सके। चुनाव से पहले आशुतोष का सहसवान क्षेत्र से कोई संबंध नहीं था और हारने के बाद भी वे क्षेत्र में सक्रिय नहीं हैं। कभी-कभार कहीं किसी टूर्नामेंट का उद्घाटन करते, या अपना स्वागत कराते नजर आ जाते हैं, या फोन पर किसी को हड़काने की खबर आ जाती है, जिससे क्षेत्र का कार्यकर्ता पूरी तरह नेतृत्व विहीन ही नजर आ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि सहसवान क्षेत्र में अफसर व कर्मचारी जमकर मनमानी करते नजर आ रहे हैं। भ्रष्टाचार और दबंगई चरम पर है, विकास की कोई बात ही नहीं कर रहा है, जिससे जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।
इसी तरह बिसौली विधान सभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता और आम जनता को लग ही नहीं रहा कि भाजपा की सरकार है। हालाँकि बिसौली सुरक्षित क्षेत्र से कुशाग्र सागर भाजपा प्रत्याशी के रूप में ही विधायक चुने गये हैं, लेकिन राजनैतिक दिशा-निर्देश कुशाग्र के पिता पूर्व बसपा विधायक योगेन्द्र सागर के चलते हैं, जो पूरी तरह बहुजन समाज पार्टी की मानसिकता से कार्य करते नजर आ रहे हैं। योगेन्द्र सागर चर्चित ज्योति शर्मा यौन शोषण कांड में आरोपी हैं, इस प्रकरण के कारण जिले भर के न सिर्फ ब्राह्मण, बल्कि सवर्ण वर्ग के मतदाता उनसे व्यक्तिगत द्वेष मानते थे, इसके बावजूद ब्राह्मणों और सवर्णों ने उन्हें माफ किया और उनके बेटे कुशाग्र सागर को चुनाव में खुल कर समर्थन दिया, लेकिन योगेन्द्र सागर सवर्णों की भावनाओं को कोई अहमियत नहीं दे रहे हैं।
थाना इस्लामनगर में उन्होंने रघुराज को प्रभारी बनवाया, जिनके तैनात होते ही क्षेत्र के लोग हाहाकार कर उठे। रघुराज के बारे में कहा जाता है कि सवर्णों से खुल कर इर्ष्या करते हैं और खुलेआम अपमानित करते हैं। क्षेत्र के लोग एसओ रघुराज के विरुद्ध आंदोलन करने का मन बना रहे थे, साथ ही पिछले दिनों सीओ ने छापा कर बड़ा जूआ का अड्डा पकड़ा, तो उन्हें बीती रात हटा दिया गया, लेकिन उन्हें थाना वजीरगंज का एसओ बनाया गया है। थाना वजीरगंज का आधा क्षेत्र बिसौली विधान सभा क्षेत्र में लगता है, जिससे कयास लगाये जा रहे हैं कि रघुराज को यहाँ तैनात कराने में योगेन्द्र सागर की ही सिफारिश चली है।
इसके अलावा थाना फैजगंज बेहटा में तैनात एसओ रामनरेश माथुर को थाना इस्लामनगर में भेजा गया है एवं यूपी- 100 में सेवा दे रहे आकाश कुमार को थाना फैजगंज बेहटा का एसओ बनाया गया है। बिसौली कोतवाली में राजेश कश्यप तैनात हैं। पुलिस का कोई धर्म और कोई जाति नहीं होती, लेकिन जब से तबादलों में राजनेताओं का दखल बढ़ा है, तब से पुलिस भी जाति और धर्म में बंट गई है, इसलिए लोग भी अब इस ओर ध्यान देने लगे हैं। बिसौली विधान सभा क्षेत्र में बिसौली कोतवाली और फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्रों के अलावा वजीरगंज और थाना इस्लामनगर का भी क्षेत्र आता है, इन चारों थानों में तैनात प्रभारियों पर नजर डालें, तो खुलासा होता है कि इनमें से एक भी प्रभारी सवर्ण नहीं है, इसीलिए क्षेत्र में यह चर्चा आम तौर पर होने लगी है कि बिसौली विधान सभा क्षेत्र में बसपा की सरकार है। ब्राह्मणों के साथ सभी सवर्ण खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
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