समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लेकर पिछले लंबे समय से कार्यकर्ताओं को मायूस करने वाली ही खबरें आती रही हैं। सुख, समृद्धि और शांति के पर्व दीपावली पर कार्यकर्ताओं को हर्षित कर देने वाली खबर मिल रही है। लंबे अर्से बाद पैत्रक गाँव में न सिर्फ मुलायम सिंह यादव पहुंचे, बल्कि परिवार के अधिकांश सदस्य जुटे और सभी के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में संवाद का संचार हुआ, रिश्तों में आई यह नरमी कहां तक जायेगी, यह समय ही तय करेगा।
इटावा जिले में वीवीआईपी हैसियत रखने वाला गाँव सैफई मुलायम सिंह यादव का है, वे इस गाँव से बेहद प्रेम करते हैं, वे जब-जब सत्ता में आये हैं, तब इस गाँव को राजधानी जैसा सम्मान मिला है, यहाँ आयोजित होने वाला सैफई महोत्सव को देश भर में जाना जाता है। मुलायम सिंह यादव प्रदेश की राजनीति में व्यस्त हों, या देश की, पर वे सब कुछ छोड़ कर विशेष पर्वों पर सैफई आते रहे हैं, उनके साथ पूरा परिवार भी जुटता रहा है, लेकिन पारिवारिक विवाद के बाद मुलायम गाँव से दूरी बना गये थे, साथ ही परिवार के अन्य सदस्य भी आगे-पीछे ही गाँव आ रहे थे, ऐसे हालातों में दीपावली के अवसर पर मुलायम सिंह यादव गाँव पहुंचे हैं। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि परिवार की बदौलत ही सपा शीर्ष पर पहुंची है। शिवपाल सिंह यादव ने भी कहा कि पूरा परिवार एकजुट है, वहीं अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
मुलायम सिंह यादव के साथ शिवपाल सिंह यादव, अखिलेश यादव, अभय राम सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव, सांसद धर्मेन्द्र यादव, सांसद तेजप्रताप सिंह यादव, सांसद अक्षय यादव, अभिषेक यादव, प्रधान दर्शन सिंह यादव सहित अन्य तमाम परिजनों ने एक साथ बैठ कर नटों के करतब देखे। व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल और पूर्व एमएलसी दयाराम प्रजापति भी नजर आये। प्रो. रामगोपाल यादव नहीं थे, लेकिन उनकी एक दिन पूर्व मुलायम सिंह यादव से वार्ता शुरू हो गई है। परिवार के दृश्य को देख कर सपा कार्यकर्ता हर्षित दिख रहे हैं, पर यह सुखानुभूति कब तक रहेगी, इस बारे में अभी स्पष्ट कुछ कह पाना सही नहीं रहेगा।
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