उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने केन्द्रीय दल के टीम लीडर को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को त्वरित राहत वितरण हेतु लगभग रूपये 1085 करोड़ का आवंटन किया जा चुका है, जिससे राज्य सरकार पर भारी व्यय भार हुआ है, तथा एस0डी0आर0एफ0 में उपलब्ध धनराशि भी वितरित की जा चुकी है। उन्होंने केन्द्रीय दल से अनुरोध किया गया कि भारत सरकार के समक्ष प्रदेश सरकार का पक्ष प्रबलता से रखते हुए तत्काल 1000.00 करोड़ रूपये अवमुक्त कराया जाये। उन्होंने बताया कि जनपदों से प्राप्त कृषि क्षति की सूचना के आधार पर कुल 31 जनपदों की कृषि क्षतियों को सम्मिलित करते हुए धनराशि रूपये 744.28 करोड़ का मेमोरेण्डम विगत 25 मार्च 2015 को भारत सरकार को प्रेषित किया गया। अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश के 44 जनपदों में कुल धनराशि रूपये 1078.68 करोड़ की क्षति की सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि 33 प्रतिशत तक कृषि क्षति को सम्मिलित करने पर जनपदों एवं क्षति में वृद्धि होगी।
श्री रंजन ने बताया कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से कृषि फसलों को हुई क्षति के सापेक्ष राज्य सरकार द्वारा प्रभावित कृषकों को अतिरिक्त सहायता वितरित किये जाने के लिये विगत 22 मार्च को राज्य आकस्मिकता निधि से दो सौ करोड़ रूपये तथा तदोपरान्त 400.00 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गयी। इसी प्रकार राज्य आपदा मोचक निधि से 441.00 करोड़ रूपये की धनराशि एवं विगत वर्ष की अवशेष 44.00 करोड़ रूपये की धनराशि किसानों को तत्काल राहत प्रदान किये जाने हेतु स्वीकृत कर जनपदों को आवंटित की गयी है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत वितरण किये जाने हेतु अब तक लगभग कुल धनराशि 1085 करोड़ रूपये का जनपदों को आवंटन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि आज दिनांक 10 अप्रैल तक जनपदों द्वारा 6 लाख 28 हजार किसानों के मध्य धनराशि 217.69 करोड़ रुपये का वितरण कराया जा चुका है।
मुख्य सचिव आज लखनऊ में शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में केन्द्रीय दल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने बताया कि विगत फरवरी एवं मार्च में प्रदेश में चक्रवाती तूफान के फलस्वरूप अतिवृष्टि/ओलावृष्टि होनेे के कारण कृषि फसलों को व्यापक क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि माह फरवरी/मार्च, 2015 में चक्रवाती तूफान के कारण हुई अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रदेश के कई जनपदों मे कृषि फसलों को हुई अत्यधिक क्षति के प्रारम्भिक अनुमान के आधार पर लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की क्षति का उल्लेख करते हुए शासन ने अपने पत्र दिनांक 15 मार्च, द्वारा भारत सरकार से क्षति का स्थलीय सर्वेक्षण करने हेतु केन्द्रीय दल भेजे जाने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने बताया कि भारत सरकार को प्रेषित उपरोक्त पत्र 15 मार्च, द्वारा ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत प्रदान किये जाने हेतु 500.00 करोड़ रूपये की धनराशि राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि से स्वीकृत किए जाने का भी अनुरोध किया गया था। उन्होंने बताया कि व्यापक कृषि क्षति के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कृषि निवेश अनुदान हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक दर के समतुल्य धनराशि पीड़ित/प्रभावित किसानों को राज्य सरकार द्वारा भी अतिरिक्त रूप में दी जायेगी। उक्त के अतिरिक्त दैवी आपदा की वजह से असामयिक मृत्यु के कारण भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि 1.50 लाख के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा भी 3.50 लाख की धनराशि मृतकों के आश्रितों को दिये जाने हेतु शासनादेश निर्गत किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा चक्रवाती तूफान के कारण प्रदेश में हुई अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रभावित कृषकों के मुख्य देयों की वसूली स्थगित करने व उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न किये जाने के निर्देश समस्त जिलाधिकारियों को विगत 17 मार्च को दे दिये गये। उन्होंने बताया कि मृतक के आश्रितों को धनराशि उपलब्ध न होने की दशा में टी0आर0- 27 से धनराशि आहरित कर तत्काल प्रदान किये जाने के आदेश दिये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि दैवी आपदा से हुई जनहानि के सम्बन्ध पर शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे जनहानि की जांच एस0डी0एम0 स्तर से कम स्तर के अधिकारी द्वारा नही की जायेगी।
श्री रंजन ने बताया कि प्रदेश के राजस्व मंत्री जी द्वारा 25 से 50 प्रतिषत तक की फसलों के क्षति का विवरण प्राप्त किये जाने के निर्देश दिये गये हैं, जिसके अनुपालन में जनपदों से सूचना प्राप्त की जा रही है। उन्होंने बताया कि जनपदों से दिनांक 10 अप्रैल तक प्राप्त सूचना के अनुसार अतिवृष्टि/ओलावृष्टि संबंधी दैवी आपदा के दौरान कुल 41 जनहानि हुई है, तथा पीड़ित परिवारों/व्यक्तियों को अनुमन्य सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अपने पत्र दिनांक 08 अप्रैल, 2015 के माध्यम से प्राकृतिक विपत्तियों के संबंध में राहत के मानक मद तथा दरों को संशोधित करने के निर्देष निर्गत किए गये हैं, जिसके क्रम में समस्त मण्डलायुक्त एवं जिला अधिकारीगण को आवष्यक कार्यवाही करने हेतु आदेश निर्गत किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा किए गये मानक एवं दरों में संशोधन के अनुरूप कार्यवाही कर कल दिनांक 11 अप्रैल तक संबंधित सूचना उपलब्ध कराये जाने के निर्देश समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारीगण को दिये गये हैं।
भारत सरकार को प्रेषित ओलावृष्टि मेमोरेण्डम 2015 के क्रम में आशीष कुमार भूटानी, संयुक्त सचिव, कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय की नेतृत्व में केन्द्रीय दल द्वारा प्रभावित क्षेात्रों का स्थलीय सर्वेक्षण विगत दिनांक 08 अप्रैल से 10 अप्रैल तक किया गया। केन्द्रीय दल द्वारा जनपद शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, सम्भल, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, कन्नौज, जालौन, हमीरपुर, बाॅदा, महोबा एवं झांसी का स्थलीय निरीक्षण हुई कृषि क्षति का आंकलन किया गया। केन्द्रीय दल के स्थलीय सर्वेक्षण के उपरान्त आज मुख्य सचिव, के साथ रैपअप बैठक कर स्थलीय सर्वेक्षण में किये गये आंकलन के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
केन्द्रीय दल के द्वारा बैठक में अवगत कराया गया कि अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से जनपदों में कृषि को अत्यधिक क्षति हुई है, तथा क्षति के उपरान्त जो फसलें खड़ी भी हैं, (गेहूँ की देर से पकने वाली प्रजाति) उनमें दाना ठीक से नहीं बना है। केन्द्रीय दल द्वारा कृषि क्षति का भारत सरकार के नये मानक तथा दरों के आधार पर सर्वे कर मेमोरेण्डम प्रेषित किये जाने का अनुरोध मुख्य सचिव से किया गया। उपरोक्त को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने पुनः सर्वेक्षण करने का सुझाव दिया, तथा तदनुसार संशोधित मेमोरेण्डम भेजने का अनुरोध किया गया।
केन्द्रीय दल के द्वारा स्थलीय भ्रमण के समय राज्य सरकार द्वारा कृषकों को तात्कालिक सहायता के रूप वितरित किये जा रहे कृषि निवेश अनुदान के सम्बन्ध मे भी किसानों से मुलाकात कर फीडबैक प्राप्त किया गया। बैठक में केन्द्रीय दल के सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा तात्कालिक रूप से वितरित की जा रही सहायता और राज्य सरकार द्वारा त्वरित रूप से किये गये कार्यवाही की सराहना की गयी।