बदायूं जिले की पुलिस सीधे और सज्जन लोगों पर पूरी ताकत आजमाती नजर आ रही है, लेकिन बदमाशों का कुछ नहीं कर पा रही है। बीती रात कच्छाधारी गैंग ने न सिर्फ लूटपाट की, बल्कि एक युवक को मौत के घाट भी उतार दिया। मृतक की पत्नी को भी पीटा, जिसकी हालत सामान्य नहीं हो पा रही है। घटना के समय ही छत से कूद कर गृहस्वामी कोतवाली पहुंच गया, इसके बावजूद पुलिस बदमाशों को नहीं पकड़ पाई, जिससे लोगों के अंदर पुलिस के प्रति आक्रोश भी स्पष्ट नजर आ रहा है।
सनसनीखेज वारदात बदायूं जिले के कस्बा बिसौली की है। कोतवाली से मात्र दस कदम दूर स्थित अभिमन्यु यादव उर्फ पप्पल के घर कच्छाधारी बदमाशों ने बीती रात धावा बोल दिया। परिजनों को बंधक बना कर बदमाश लूटपाट करने लगे, इस बीच अभिमन्यु के बेटे कुलदीप यादव (30) ने विरोध किया, तो उसे रॉड से बेरहमी से पीट-पीट कर बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया। कुलदीप को बचाने आई पत्नी शकुंतला को भी बदमाशों ने बेरहमी से पीटा, जो घायल है और पति की मौत के गम में बदहवास है। बीती रात करीब एक बजे तांडव करने के बाद बदमाश पचास हजार की नकदी व जेवर आदि सहित कीमती सामान लूट कर आसानी से निकल भी गये, जबकि घटना के वक्त ही छत से कूद कर अभिमन्यु कोतवाली पहुंच गये थे और पुलिस को समय से जानकारी दे दी थी, इसके बावजूद पुलिस कुछ नहीं कर पाई।
घटना की सूचना जब जिले के अफसरों को मिली, तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बालेन्दु भूषण सिंह के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौमित्र यादव ने मौके पर जाकर घटना के संबंध में जानकारी ली। उधर कोतवाली पुलिस ने सुबह ही मृतक का शव पंचनामा भर कर मुख्यालय भेज दिया। पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण सिर में चोट लगना आया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन गिरफ्तारी तो दूर की बात है, पुलिस को अभी बदमाशों के संबंध में किसी तरह की जानकारी तक नहीं है। सनसनीखेज घटना लेकर लोगों के अंदर आक्रोश स्पष्ट नजर आ रहा है, वहीं समूचे इलाके में दहशत का माहौल है। पीड़ित परिवार की कन्फैक्शनरी की शॉप भी है, जिससे घर में नकदी रहती थी।
बता दें कि बिसौली की यह वही पुलिस है, जिसने सुभाष यादव नाम के एक मानसिक रोगी को तीन दिन कोतवाली में कैद रखा और उसकी बेरहमी से मार लगाती रही, लेकिन बदमाशों को कस्बे में घुसने से न रोक पाई और न ही समय से सूचना के मिलने के बाद पकड़ पाई। पुलिस की नाक के नीचे बदमाश जघन्य वारदात को अंजाम देकर आसानी से निकल गये, इसके बावजूद लापरवाह बिसौली कोतवाली के स्टाफ के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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