बरेली का रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल विवादों में बना ही रहता है, इस बार आरोप है कि ऑपरेशन में पथरी व पित्त की थैली निकालने का दावा करते हुए मरीज को रिलीव कर दिया, लेकिन महिला मरीज की समस्या बढ़ने पर अन्य जगह में जांच कराई गई, तो ज्ञात हुआ कि पथरी और पित्त की थैली नहीं निकाली गई है।
आरएमसीएच के सनसनीखेज कारनामे का शिकार हुई है बदायूं जिले के थाना उघैती क्षेत्र में स्थित गाँव खंडुवा निवासी ब्रजेश चौहान। पीड़ित महिला ब्रजेश के पति सुशील चौहान ने बताया कि पेट में तेज दर्द हुआ। स्थानीय स्तर पर कराये गये उपचार से राहत नहीं मिली, तो वह पत्नी को लेकर 17 जून 2016 को बरेली के रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल गया, जहाँ डॉ. जगदम्बा शरण ने जाँच और अल्ट्रासाउंड करने के बाद कहा कि पित्त की थैली में पथरी है, जिसे वे दूरबीन विधि से निकाल देंगे।
सुशील ने बताया कि उक्त डॉक्टर दूरबीन विधि से पथरी निकालने में असफल रहे, तो उन्होंने कहा कि अब ऑपरेशन ही करना पड़ेगा, जिसमें वे पथरी के साथ थैली भी निकाल देंगे। पीड़ित ने बताया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन किया, जिसमें पथरी व थैली निकाल देने की बात कही, वह 5 जुलाई को पत्नी को डिस्चार्ज करा कर अस्पताल से घर ले आया।
पीड़ित ने बताया कि कुछ दिन बाद पत्नी को पहले जैसी ही समस्या पुनः हुई, तो आनन-फानन में कस्बा उझानी में पत्नी का उसने अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें पथरी और थैली नहीं निकाले जाने की बात पता चली। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के साथ वह आरएमसीएच के डॉ. जगदम्बा के पास गया और धोखा करने की बात बताई, तो वे भड़क गये और बदतमीजी करने लगे, साथ ही वहां से भगा दिया। पीड़ित ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। यहाँ बता दें कि आरएमसीएच पर ऐसे गंभीर आरोप लगते रहते हैं, यह अस्पताल पूरी तरह गरीब जनता के रूपये लूटने का माध्यम बनता जा रहा है।