जिस तिरंगे की आन-बान और शान के लिए सैनिक अपनी जान की बाजी लगा देता है। जिस तिरंगे को सैनिक जीवित रहते जमीन पर नहीं गिरने देता, उस तिरंगे का एक अतिवादी भाजपा नेता ने बोरा सिलवा दिया और उस बोरे में शहीदों के परिजनों के लिए भीख मांगी, इस हरकत से तिरंगे की गरिमा तो तार-तार हुई ही है, इसकी जानकारी शहीदों के परिवारों को होगी, तो उन्हें और अधिक दुःख होगा।
घटना बदायूं जिले के कस्बा उझानी की है, जहां पूर्व एमएलसी व भाजपा नेता जितेन्द्र यादव ने तिरंगे का बोरा बनाया और उस बोरे को कुछेक दुकानों के सामने फैला कर भीख मांगी। तिरंगे से बने बोरे को जमीन पर घसीटा गया, साथ ही चलते समय पैर भी मारे गये, यह सब देख रहे लोगों को अच्छा नहीं लगा, इसके बावजूद लोगों ने बोरे में रूपये डाल दिए। जितेन्द्र यादव और उनके कुछ साथियों ने तिरंगे के साथ कई घंटे तक खिलवाड़ की, लेकिन इस दौरान न कोई उन्हें रोकने वाला था और न ही किसी का यह साहस हुआ, जो उन्हें तिरंगे का अपमान करने से रोक दे। तिरंगे का अपमान करने की यह घटना उझानी सहित क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
यहाँ यह भी बता दें कि जितेन्द्र यादव कुख्यात नेता डीपी यादव के भतीजे हैं, साथ ही स्वयं भी बड़े भू-माफिया हैं, उन्हें शहीदों के परिजनों से सहनुभूति होती, तो स्वयं ही करोड़ों की मदद कर सकते थे, पर उससे मीडिया में छाने का अवसर नहीं मिलता। खबरों में बने रहने के लिए जितेन्द्र यादव ने तिरंगे के सम्मान को ही दांव पर लगा दिया, जिसकी लोग कड़ी आलोचना भी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस व प्रशासन के अफसर बेपरवाह बने हुए हैं। यह भी बता दें कि 19 सितंबर को अपनी ही सरकार की नीतियों के विरोध में जितेन्द्र यादव ने पाकिस्तान का झंडा जला दिया था। इस समय भाजपा बूथ स्तरीय कार्यक्रम चला रही है, जिसमें कार्यकर्ता व्यस्त हैं, पर जितेन्द्र यादव भाजपा के कार्यक्रम में रूचि लेने की जगह कभी पाकिस्तान का झंडा फूंक देते हैं, तो कभी तिरंगे की गरिमा तार-तार कर देते हैं।
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