बदायूं जिले के थाना उघैती में तैनात एसओ अवनीश पाल सिंह यादव की लापरवाही को गंभीरता से लिया गया है। तेजतर्रार जिलाधिकारी और तेजतर्रार एसएसपी के संज्ञान में पूरा प्रकरण पहुंचा, तो अक्षम्य गलती मानते हुए लापरवाह एसओ को तत्काल निलंबित कर दिया, इस तरह कार्रवाई होने से अन्य लापरवाह अफसरों में हड़कंप मच गया है।
उल्लेखनीय है कि थाना उघैती क्षेत्र के ग्राम रियोनाई, वालकिशनपुर तथा खितौरा के जंगल में रविवार की रात में अज्ञात पशु तस्करों ने न सिर्फ गायों का वध कर दिया था, बल्कि तस्कर गाड़ियों में मांस भर ले गये थे। मंगलवार को तेजतर्रार जिलाधिकारी पवन कुमार व तेजतर्रार एसएसपी सुनील कुमार सक्सेना घटनास्थल पर पहुंचे और स्वयं हालात देखे।क्षेत्र के लोगों ने बताया कि पुलिस की लापरवाही के चलते तस्कर लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से कहा कि पुलिस का सहयोग करते हुए सूचना दें, तो दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कहा कि इस मामले में एसओ उघैती अवनीश यादव की लापरवाही और शिथिलता के कारण उसे तत्काल निलंबित किया जाए, इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एसओ उघैती के विरूद्ध कार्रवाई करने का ऐलान मौके से ही जारी कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने नाराज़गी जताते हुए घटना स्थल पर ही मौजूद पुलिस बल की जमकर क्लास ली और हिदायत दी कि टीमें गठित कर आस-पास के गांव में दबिश डालें और शीघ्र गिरफ्तारी करें, इसके अलावा कप्तान के निर्देश पर चलाये गये अभियान में इस्लामनगर, जरीफनगर व फैजगंज बेहटा पुलिस ने आज पांच तस्कर दबोच लिए, उनके विरुद्ध एनएसए व गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा है कि जनपद में किसी भी दशा में प्रतिबंधित पशुओं का वध तथा पशु एवं मांस तस्करी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, चाहे वह कितनी ही पहुंच वाला क्यों न हो, उसे जेल अवश्य भिजवाया जाएगा। इस अवसर पर सीओ अभिषेक यादव, उघैती के राजस्व निरीक्षक किशन लाल, खितौरा के लेखपाल शशिकांत मौजूद रहे। यहाँ यह भी बता दें कि एसओ अवनीश पाल सिंह यादव के पिता भी सब-इंस्पेक्टर थे, वे बदायूं जिले के थाना धनारी में तैनाती के समय शहीद हुए थे, इसके बावजूद अवनीश ड्यूटी का महत्व नहीं समझ पा रहे हैं। थाने में तेल लगवाना और यूनिफॉर्म के साथ पीटी शू पहनने को लेकर वे चर्चा में रहते हैं। यह भी बताना आवश्यक है कि उक्त कार्रवाई उन लोगों के मुंह पर तमाचा है, जो लोकप्रिय सांसद धर्मेन्द्र यादव पर आरोप लगाते रहते हैं।
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