बदायूं जिले में हुई मुठभेड़ में सब-इंस्पेक्टर सर्वेश यादव को शाहजहांपुर निवासी राम तीरथ सिंह ने गोली मारी थी, उसके पास से पुलिस ने पिस्टल भी बरामद कर ली है। घटना में सुधीर नाम का एक शातिर बदमाश भी शामिल था, जो घटना के अगले दिन बरेली में एक सिपाही की मिलीभगत से जेल जा चुका है, साथ ही जेल जा चुका नन्हें निर्दोष बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 22 जून की देर शाम बदायूं जिले में स्थित बिनावर थाना क्षेत्र के गाँव घटबेहटी में सब-इंस्पेक्टर सर्वेश यादव व सिपाही प्रमोद कुमार बदमाशों से हुई गोलीबारी में घायल हो गये थे। हमले में घायल हुए दोनों लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद बरेली रेफर कर दिया गया था, लेकिन सब-इंस्पेक्टर सर्वेश यादव ने दम तोड़ दिया था। मुठभेड़ में गाँव पैरा निवासी कल्लू यादव को भी गोली लगी थी, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर उसे बरेली स्थित सिद्ध विनायक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, लेकिन इलाज के रूपये न देने के कारण अस्पताल ने उसे डिस्चार्ज कर दिया, तो पुलिस ने उसे बरेली के जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां उसने दम तोड़ दिया था।
इससे पहले गाँव रसूलपुर निवासी नन्हें ने शनिवार को न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया था। तीसरा आरोपी ऋषिपाल नाम का फरार बताया जा रहा था, पर सूत्रों का कहना है कि ऋषिपाल नाम का कोई बदमाश था ही नहीं, यह जान कर पुलिस और परेशान हो उठी। पुलिस ने घटना से संबंधित मुखबिरों का जाल बिछाया, तो शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद थाना क्षेत्र में स्थित गाँव नौगवां का राम तीरथ सिंह चिन्हित हुआ। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया है और उसके पास से शहीद दारोगा सर्वेश यादव की गायब पिस्टल भी बरामद की गई है। सूत्रों का यह भी कहना है कि राम तीरथ ने घटना में मृतक बदमाश कल्लू यादव के साथ सुधीर का नाम लिया है। सुधीर घटना के अगले दिन एक सिपाही की मदद से बरेली जिले में जेल चला गया, जिसकी जांच चल रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि बदायूं न्यायालय में पुलिस के दबाव के चलते आत्म समर्पण कर चुका नन्हें घटना में संलिप्त नहीं था। हालाँकि पुलिस अभी किसी भी तरह की पुष्टि नहीं कर रही है।
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