राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह पद पर दत्तात्रेय होसबाले को पुनः चुन लिया गया है, उन्हें नागपुर में हुई प्रतिनिधि सभा ने 2024 से 2027 तक के लिये चुना है। संघ में महासचिव को सरकार्यवाह कहते हैं। संघ में सरसंघचालक के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद सरकार्यवाह का ही होता है। दत्तात्रेय होसबाले 2021 से सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्यालय नागपुर में छः वर्ष के अंतराल के बाद वार्षिक तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा आयोजित की गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नई कार्यकारिणी में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की ओर से 2024-27 के कार्यकाल के लिये कृष्ण गोपाल, मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, अतुल लिमये और आलोक कुमार सहित छः सहसरकार्यवाह नियुक्त किये गये हैं। यह भी बता दें कि दत्तात्रेय होसबाले से पहले सुरेश भैयाजी जोशी सरकार्यवाह थे। उन्होंने 2018 के चुनाव में सरकार्यवाह के दायित्व से मुक्त करने का आग्रह किया था, लेकिन उनके नेतृत्व को देखते हुए संघ ने उन्हें दोबारा यह दायित्व सौंप दिया था।
हर तीसरे वर्ष होते हैं चुनाव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रत्येक तीन वर्षों पर चुनाव की प्रक्रिया अपना कर जिला संघचालक, विभाग संघचालक, प्रांत संघचालक, क्षेत्र संघचालक के साथ सरकार्यवाह का चुनाव होता है, इसके बाद टीम की घोषणा की जाती हैं। क्षेत्र प्रचारक और प्रांत प्रचारकों के दायित्व में भी बदलाव प्रतिनिधि सभा की बैठक में ही किया जाता है। संघ में प्रतिनिधि सभा निर्णय लेने वाला विभाग है।
चुनावी बॉन्ड का दत्तात्रेय ने किया बचाव
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि समाज में संघ का प्रभाव बढ़ रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अक्षत वितरण दौरान जिस तरह से देश भर में लोगों ने हमारा स्वागत किया, वह देश के वातावरण को दिखाता है। राम मंदिर भारत की सभ्यता और उसकी संस्कृति का प्रतीक है। श्रीराम देश की सभ्यतागत पहचान हैं, यह बात बार-बार सिद्ध हुई है और 22 जनवरी को एक बार फिर यह सिद्ध हो गया है। आरएसएस या, इसकी विचारधारा वाले लोगों ने लगभग 20 करोड़ घरों से संपर्क किया है। यह भारत के इतिहास में एक रिकॉर्ड है कि ऐसा सिर्फ 15 दिनों में हुआ है। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि आरएसएस ने चुनावी बॉन्ड के बारे में कुछ भी नहीं सोचा है, इसकी चर्चा यहां भी नहीं हुई है, क्योंकि चुनावी बॉन्ड एक प्रयोग है, ऐसे प्रयोग होते रहते हैं, नियंत्रण और संतुलन होना चाहिए। चुनावी बॉन्ड आज अचानक नहीं आए हैं, यह पहले भी हुआ है, इसे एक प्रयोग के रूप में लाया गया है।
यह हैं दत्तात्रेय होसबाले
दत्तात्रेय होसबाले का जन्म 1 दिसंबर 1954 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के गाँव होसबाले में हुआ था। दत्तात्रेय होसबाले का परिवार आरएसएस से जुड़ा था, इसलिए 1968 में वह भी संघ में सक्रिय हो गये, वह 13 वर्ष की आयु में स्वयंसेवक बन गये थे। उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी से पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की, इसके बाद वे संघ के प्रचारक बन गये थे। देश में लगाये गये आपातकाल के दौरान दत्तात्रेय होसबाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे और आंतरिक सुरक्षा रख-रखाव अधिनियम (एमआईएसए) के अंतर्गत 14 महीने से अधिक समय तक जेल में रहे थे, वह 1972 में एबीवीपी से से जुड़े थे, उन्होंने क्षेत्रीय और अखिल भारतीय स्तर पर कई दायित्व संभाले हैं। 1992 से 2003 अर्थात, 11 वर्षों तक वह एबीवीपी के संगठन मंत्री रहे। 2003 में वह आरएसएस के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बने। दत्तात्रेय होसबाले 2009 से 2021 तक आरएसएस के सह-सरकार्यवाह रहे, उनकी मातृभाषा कन्नड़ है लेकिन, वह अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, मराठी और संस्कृत भी बोलते और समझते हैं, वह कन्नड़ मासिक पत्रिका असीमा के संस्थापक संपादक हैं, वह भारत में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के संगठन विश्व विद्यार्थी युवा संगठन के संस्थापक महासचिव भी हैं।
उत्तर प्रदेश इकाई में हुये परिवर्तन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उत्तर प्रदेश इकाई में कई बड़े परिवर्तन किये हैं। सर कार्यवाह दत्तात्रय होसबोले का केंद्र लखनऊ से बदलकर दिल्ली कर दिया गया है। अवध प्रांत के प्रांत संघचालक कृष्ण मोहन को पूर्वी उत्तर प्रदेश का क्षेत्र संघचालक बनाया गया है, वहीं लखीमपुर खीरी निवासी सरदार स्वर्ण सिंह कम्बोज को अवध प्रांत का प्रांत संघचालक बनाया गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र सेवा प्रमुख रहे नवल कुमार को अखिल भारतीय सह गौ सेवा प्रमुख बनाया गया है। सह सेवा प्रमुख रहे युद्धवीर को पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का क्षेत्र सेवा प्रमुख बनाया गया है।
गोरक्ष प्रांत के प्रांत प्रचारक सुभाष को हटाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का क्षेत्र प्रचार प्रमुख बनाया गया है, उनके स्थान पर काशी के प्रांत प्रचारक रमेश को गोरक्ष प्रांत का प्रांत प्रचारक बनाया गया है। कानपुर प्रांत के सह प्रांत प्रचारक रमेश को काशी का प्रांत प्रचारक बनाया गया है। काशी प्रांत के सह प्रांत प्रचारक मुनीश को कानपुर का सह प्रांत प्रचारक बनाया गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धर्मेन्द्र को ब्रज का प्रांत प्रचारक बनाया गया है। ब्रज प्रांत के प्रचारक हरीश रौतेला को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सह क्षेत्र संपर्क प्रमुख बनाया गया है।
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