दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास है, साथ ही देश और दुनिया में विख्यात है, वही विश्वविद्यालय अब दुनिया में कुख्यात होने का भी रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप लगा है। जाँच के बाद आरोपी प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन आरोपी प्रोफेसर के विरुद्ध अभी तक मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया गया है।
जेएनयू पर बड़ा सा दाग लगाने वाले प्रोफेसर का नाम है अरशद आलम। आरोप है कि शोध करने वाली बांग्लादेश की एक छात्रा का प्रो. अरशद ने घर बुला कर यौन शोषण किया। आरोप की जेएनयू प्रशासन ने जेंडर सेंसिटाइजेशन कमेटी से जांच कराई, तो स्कूल ऑफ़ सोशल साइंस का प्रो. अरशद आलम दोषी पाया गया, जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया है।
आश्चर्य की बात यह है कि आरोप जाँच में सिद्ध हो जाने के बावजूद जेएनयू प्रशासन घटना को दबाने के प्रयास में जुटा नजर आ रहा है। अगस्त माह की घटना है और अभी तक घटना के संबंध में मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है। हालांकि पीड़ित छात्रा भी अब कुछ नहीं बोल रही है और यह भी नहीं पता कि वह अब आगे की और कार्रवाई चाहती है, या नहीं। पीड़ित के सामने न आने के चलते यह भी ज्ञात नहीं हो पा रहा है कि वह अब तक की कार्रवाई से ही संतुष्ट है, अथवा दहशत में है। जो भी हो, फिलहाल जेएनयू की दीवारों पर ऐसा कलंक लग गया है, जो सदियों तक नहीं छूट सकेगा।
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