उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की मनमानी के विरोध में देश भर में लोग खुल कर बोल रहे हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद का मुकदमा वापस लेने के प्रकरण में सरकार घिरती जा रही है। आईएएस, आईपीएस अफसर, सेलेब्रेटी और भाजपा के ही समर्थक खुल कर विरोध में बोलते नजर आ रहे हैं।
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चर्चित अफसर रहे सूर्यप्रताप सिंह ने फेसबुक पर लिखा है कि चिन्मयानंद का केस वापस लेना मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने लिखा है कि गृह विभाग को विरोध करना चाहिए, यह बलात्कार पीड़िता के साथ अन्याय है, साथ ही उन्होंने अफसरों द्वारा चिन्मयानंद की आरती उतारने की कड़ी आलोचना की है, इसी तरह महेश पांडेय ने लिखा है कि शासन द्वारा चिन्मयानंद का मुकदमा वापस लेने की खबर पढ़ कर घोर निराशा हुई, उन्होंने आगे लिखा है कि मुकदमा वापस लेने का प्राविधान न्याय प्रक्रिया को ही ध्वस्त कर सकता है, इसलिए यह प्राविधान ही समाप्त होना चाहिए।
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वीके शेखर ने लिखा है कि चिन्मयानंद गिरफ्तारी से बचने को पुलिस-प्रशासन को चकमा देता रहा है और अब मुकदमा वापस लेने का निर्णय शर्मनाक है, इसी तरह मुंबई की फोटो जर्नलिस्ट रिचा चड्ढा ने ट्वीट के द्वारा कटाक्ष किया है कि बेटियां हम ही से बचाओ, इसके अलावा फेसबुक और ट्वीटर पर हजारों भाजपा समर्थक ही उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय की खुल कर आलोचना करते नजर आ रहे हैं, ऐसे में सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि पीड़िता न्यायालय में आपत्ति कर सकती है मतलब, आरोपी सरकार के संरक्षण से मस्ती करे और पीड़िता सरकार से लड़े, यह भाजपा सरकार का नया संविधान है, जिसे जनता देख और समझ रही है।
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