थाना परिसर में किशोरी का यौन शोषण करने के आरोपी सिपाही वीरपाल सिंह यादव ने सैफई के आसपास किसी के मोबाइल पर अपना मेल लॉगिन किया था, जिसके आधार पर टीम उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई थी, लेकिन शातिर वीरपाल उस टीम के हाथ नहीं लगा, पर सूत्र बता रहे हैं कि एक अन्य टीम ने उसे सैफई से ही गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन बदायूं जिले के पुलिस अफसर गिरफ्तारी की बात निराधार बता रहे हैं, जिससे खबर पूरी तरह अपुष्ट है। माना यह भी जा रहा है कि हाई-प्रोफाइल प्रकरण होने के कारण बदायूं जिले के अफसर बयान देने से बच रहे हैं। इस प्रकरण में बयान लखनऊ स्तर से ही जारी किया जायेगा, इसके इलावा आरोपियों की लोकेशन इटावा और सैफई में होने की बात सार्वजनिक हो जाने से पुलिस अफसर बेहद चौकन्ने हो गये हैं। उनके मुंह से निकली कोई भी बात उनके लिए घातक सिद्ध हो सकती है। उधर आरोपी सिपाही वीरपाल सिंह यादव की गिरफ्तारी की अपुष्ट जानकारी मिल रही है, लेकिन अवनीश यादव के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
बताते हैं कि वीरपाल सिंह यादव इंटरनेट फ्रेंडली है। वह फेसबुक यूजर भी है और उसकी फ्रेंड लिस्ट में पुलिस के कई बड़े अफसर और विभिन्न दलों के कई बड़े नेता शामिल हैं। इसके अलावा वीरपाल का बहनोई भी पुलिस में सिपाही है और सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की नबादा पुलिस चौकी पर तैनात है, पर इस प्रकरण के बाद वीरपाल से अरुण यादव ने पूरी तरह दूरियां बना ली हैं।
उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले में स्थित मूसाझाग थाना क्षेत्र के गाँव प्रहलादपुर निवासी एक महिला ने 1 जनवरी को एसएसपी को प्रार्थना देकर कहा था कि 31 दिसंबर को उसके पति आँखों का इलाज कराने बरेली गये हुए थे और वह बेटी के साथ घर पर थी। मूसाझाग थाने में तैनात सिपाही अवनीश यादव व वीरपाल यादव सिरसा गाँव की ओर से कार से आये और शौच को गई उसकी 14 वर्षीय बेटी को उठा ले गये, लेकिन बाद में उसका यौन शोषण कर छोड़ गये। महिला का आरोप है कि सिपाहियों ने उसकी बेटी के साथ थाने में दुष्कर्म किया। इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज हो चुका है एवं दोनों सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
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