कथित संत चिन्मयानंद के शातिर शिष्य दुष्कर्म और अपहरण के आरोपी अंकित की गुरूवार को न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी, जिससे पीड़ित पक्ष का न्यायालय पर विश्वास और बढ़ गया है। शातिर अंकित के षड्यंत्रकारी परिजन जमानत अर्जी खारिज होने से बौखला गये हैं।
उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले के थाना उघैती क्षेत्र में स्थित गाँव करियामई निवासी अंकित नाम का युवक कथित संत चिन्मयानंद का शिष्य है। अंकित परिवार सहित चिन्मयानंद के शाहजहाँपुर स्थित कथित आश्रम में ही रहता था। महिलाओं से अवैध संबंधों के चलते चिन्मयानंद ने अंकित और उसके परिवार का लंबे समय तक भरण-पोषण किया है, जिससे धूर्त चिन्मयानंद की संगत में अंकित का दिमाग आपराधिक और शातिर हो गया। अंकित ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया। चिन्मयानंद की दहशत में लोग शुरू में तो शोषण सहते रहे, लेकिन जब अंकित की हरकतें सीमा पार कर गईं, तो इसके विरुद्ध एक दलित महिला ने थाना उघैती में मुकदमा संख्या- 86/2011 धारा- 323, 325, 504, 506 के तहत एससी/एसटी का मुकदमा दर्ज करा दिया, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद अंकित और अति करने लगा, तो इसके विरुद्ध एक और मुकदमा संख्या- 83/2013 धारा- 363, 366, 376, 3 (2) 5 भी दर्ज हो गया, लेकिन दोनों मुकदमों में दबाव बना कर यह गिरफ्तारी से बचता रहा।
उक्त दोनों मुकदमों में न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी होने पर पुलिस ने इसे 29 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया, तो हवालात में बेहोशी का नाटक कर गिर गया और पुलिस आदि पर जहर खिलाने का आरोप लगाने लगा। पुलिस अंकित को उस रात जिला अस्पताल लाई, तो जहर की पुष्टि नहीं हुई, इसके बावजूद डॉक्टर पर दबाव बना कर स्वयं को बरेली रेफर करा लाया, ताकि जमानत में आसानी हो जाये, लेकिन हालत सही होने पर पुलिस ने इसे जेल भेज दिया। इसी प्रकरण में गुरूवार को अंकित की ओर से न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की गई, जिस पर सुनवाई के बाद स्पेशल जज एससी/एसटी शैलेश्वर नाथ ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। जमानत अर्जी खारिज होने से अंकित के षड्यंत्रकारी परिजन बौखला गये हैं और तरह-तरह के आरोप लगाते घूम रहे हैं।