बदायूं में कथित संत रामपाल के अनुयाइयों ने आज जोरदार प्रदर्शन किया और सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर प्रधानमंत्री से मुकदमा वापस कराने और सीबीआई जांच कराने की मांग की। प्रदर्शन में हजारों लोगों ने भाग लिया, जिसमें महिलाओं की भागीदारी चर्चा का विषय रही।
कौन है रामपाल?
हरियाणा में स्थित सोनीपत के धनाणा गांव में 1951 को जन्मे रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर थे और नौकरी के दौरान ही सत्संग करने लगे थे। हरियाणा सरकार ने उन्हें 2000 में इस्तीफा देने को कहा, उसके बाद रामपाल ने करोंथा गांव में सतलोक आश्रम बनाया, जो फिलहाल सरकार के कब्जे में हैं। वर्ष 2006 के एक हत्या के मामले में 2008 में संत रामपाल को जमानत मिली थी, लेकिन उसके बाद वे एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुए हैं। अगस्त 2014 में हिसार जिला अदालत में उनके समर्थकों ने हुड़दंग मचाया था, जिसके बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्हें अदालत में पेश होने को कहा था और पूछा था कि उनकी जमानत क्यों न रदद् कर दी जाए, जिस पर बड़ा बवाल हुआ था।
रामपाल के बारे में कहा जाता है कि वे पशुओं से बात करते हैं। उनके अनुयायी उन्हें चमत्कारी आत्मा कहते हैं और धरती पर भगवान का स्वरूप मानते हैं। रामपाल इस्लामी विद्वान डॉ. ज़ाकिर नाइक और कई अन्य धर्म गुरुओं पर अपनी टिप्पणियों को लेकर भी चर्चा में रहे हैं, साथ ही 2006 में स्वामी दयानंद पर एक बयान देने पर रामपाल और आर्य समाज के समर्थकों के बीच सतलोक आश्रम के बाहर हिंसक झड़प हुई, जिसमें एक महिला की मृत्यु हुई थी। झड़प के बाद पुलिस ने रामपाल को हत्या के मामले में हिरासत में लिया था, इसी प्रकरण में 22 महीने जेल में रहने के बाद 30 अप्रैल 2008 को रामपाल की जमानत पर रिहाई हुई थी।