मथुरा कांड का खलनायक राकेश बाबू गुप्ता जिंदा है, लेकिन उसकी गाड़ी सफारी राख हो चुकी है। उपद्रवियों को राशन और बारूद मुहैया कराने में राकेश की भूमिका अहम मानी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मथुरा कांड का आरोपी राकेश बाबू गुप्ता बदायूं जिले के थाना हजरतपुर क्षेत्र में स्थित छोटे से गाँव गढ़िया शाहपुर का मूल निवासी है। आरोपी राकेश कुमार गुप्ता गाँव प्रसिद्धिपुर स्थित साधन सहकारी समिति का सचिव है, इसका एक मकान दातागंज में कांसपुर मार्ग पर है, साथ ही थाना सिविल लाइंस क्षेत्र में इंद्रा चौक के पास गली में भी एक मकान है।
सूत्रों का कहना है कि मथुरा में हिंसा के बाद राकेश ने परिजनों को फोन कर बताया था कि यहाँ बड़ा बवाल हो गया है और उसकी सफारी गाड़ी जल गई है, लेकिन वह सुरक्षित है। राकेश ने परिजनों को आश्वस्त किया था कि वह सुरक्षित स्थान पर है और चिंता न करें। सब कुछ सही होते ही वह आ जायेगा।
सूत्रों का कहना है कि परिजन चिंतित तो हैं, लेकिन राकेश के सुरक्षित होने के कारण निश्चिंत भी हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि राकेश ने अपने ठिकाने के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया है, इसीलिए खुफिया एजेंसियों और पुलिस को परिजनों से कोई अहम जानकारी नहीं मिल सकी।
बताते हैं कि रामवृक्ष यादव के बाद राकेश बाबू गुप्ता की दूसरे नंबर की भूमिका रही है, वह उपद्रवियों को रसद की व्यवस्था करता था, साथ ही हिंसा से पहले बारूद की व्यवस्था भी उसने की थी।
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