पंजाब नेशनल बैंक को साढ़े तेरह हजार करोड़ का चूना लगा कर फरार हुए मेहुल चोकसी को एंटीगुआ सरकार भारत को नहीं सौंपेगी। एंटीगुआ सरकार का कहना है कि उनका कानून मेहुल चोकसी की रक्षा करेगा, इससे भारत सरकार को बड़ा झटका लगा है और भाजपा सरकार की बड़ी फजीहत भी हो रही है।
एंटीगुआ सरकार का कहना है कि उनके देश का संविधान मेहुल चोकसी की रक्षा करता है। मेहुल चोकसी ने नियमों के अनुरूप नागरिकता प्राप्त की है, इसलिए उसका पासपोर्ट रद्द नहीं किया जायेगा और न ही उसे प्रत्यर्पित किया जायेगा। एंटीगुआ सरकार ने राष्ट्रमंडल देश अधिनियम के तहत मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने का आवेदन निरस्त कर दिया है, साथ ही दलील दी है कि भारत के साथ उसकी कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त को भारत सरकार ने बताया था कि एंटीगुआ और बरबुडा मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर उसके अनुरोध पर विचार कर रहा है। मेहुल चोकसी हाल-फिलहाल कैरेबियाई देश में रह रहा है। बताते हैं कि एंटीगुआ और बारबुडा के प्रत्यर्पण कानून, 1993 के अंतर्गत किसी भगोड़े को ऐसे किसी राष्ट्रमंडल देश को प्रत्यर्पित किया जा सकता है, जिसके साथ सामान्य या विशेष व्यवस्था या एक द्विपक्षीय संधि है लेकिन, एंटिगुआ ने मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने से मना कर दिया है।
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