बदायूं जिले की पुलिस रोमियो की तो बात ही छोड़िये, भेड़ियों पर भी शिकंजा नहीं कस पा रही है। कक्षा- छः में पढ़ने वाली एक-दो नहीं, बल्कि तीन मासूम छात्रायें भेड़ियों की दरिंदगी का शिकार बनी हैं। घटना को लेकर बच्चियां डरी-सहमी हैं एवं परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हैं।
हृदय विदारक घटना मूसाझाग थाना क्षेत्र की है। सरकार बचाव बेटियां और पढ़ाओ बेटियां का नारा देते हुए कई योजनायें चला रही है। समाज की भी सोच बदली है। अति पिछड़े क्षेत्र के गाँव सैपुरा के लोग भी जागरूक हुए हैं, उनकी भी बेटियों को लेकर सोच बदली है। बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए लोग गाँव में विद्यालय न होते हुए भी बेटियों को पढ़ाने को उत्सुक हैं, तभी पड़ोस के गाँव उतरना में पढ़ने को भेज रहे हैं। रोज की तरह ही बच्चियां आज भी विद्यालय गई थीं, लेकिन आज कक्षा- छः की तीन बच्चियों पर दोनों गांवों के बीच में भेड़ियों ने हमला बोल दिया। एक-दो नहीं, बल्कि भेड़िये भी झुंड में थे। भेड़ियों के हमले के बाद बच्चियां शोर मचाती रहीं। यौन उत्पीड़न का प्रयास करने वाले भेड़िये बच्चियों की चीख से डर गये और फिर भाग गये।
किसी तरह बच कर आईं बच्चियों ने घटना की जानकारी परिजनों को दी, तो परिजनों ने थाना मूसाझाग में मुकदमा दर्ज करा दिया। बच्चियों ने तीन भेड़ियों को पहचान लिया था एवं एक को नहीं पहचान पाईं। पुलिस ने एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया है। घटना को लेकर बच्चियां डरी-सहमी हैं, वहीं परिजन व ग्रामीण आक्रोशित और चिंतित भी हैं कि बच्चियों की आगे की पढ़ाई कैसे होगी?
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